
फिल्म इंडस्ट्री में गॉडफादर जरूरी या टैलेंट? पाताल लोक के 'अंसारी' इश्वाक सिंह ने दिया जवाब
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Sahitya Aajtak 2025: दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में साहित्य आजतक के तीसरे और आखिरी दिन के सेशन 'एक्टिंग की हिट स्ट्रैटेजी' में एक्टर इश्वाक सिंह पहुंचें. इस दौरान उन्होंने अपनी जर्नी और फिल्मों पर खुलकर बात की.
Sahitya Aajtak 2025: देश की राजधानी दिल्ली में साहित्य के सितारों का महाकुंभ यानी साहित्य आजतक 2025 का आज आखिरी दिन है. आज कार्यक्रम के तीसरे दिन युवाओं के लिए खास सेशन रखा गया. जिसका नाम 'एक्टिंग की हिट स्ट्रैटेजी' सेशन था. जिसमें 'पाताल लोक 2' और 'मिट्टी' जैसी वेब सीरीज से पहचान बनाने वाले एक्टर इश्वाक सिंह पहुंचे. यहां उन्होंने अपने एक्टिंग करियर, स्ट्रगल के बारे में क्या कुछ कहा जानिए...
आजतक साहित्य के मंच पर जब एक्टर इश्वाक सिंह से पूछा गया कि आर्किटेक्ट से सीधे एक्टिंग में कैसे आ गए? इसका जवाब देते हुए एक्टर ने कहा, 'ये काफी कठिन था. मैं अच्छा काम कर रहा था. लेकिन एक इच्छा था कि क्या कर रहे हो? क्या ये मेरी पसंद है? 8 साल थियेटर करने के बाद फिर मैं एक्टिंग की तरफ आ गया.' जब उसने पूछा गया कि क्या पैरेंट्स ने आपका साथ दिया?
इश्वाक ने इसका जवाब देते हुए कहा, 'कोई पैरेंट्स ये कभी नहीं कहेगा कि एक्टिंग करो. उनके लिए ये सब काफी मुश्किल होता है. क्योंकि एक आर्टिस्ट की जिंदगी में सब कुछ होता है, कुछ भी पॉसिबल नहीं रहता है. तो ये आपको ही पता होता है कि आपको क्या करना है. किसी से कहोगे कि मुझे ये करना है तो कोई सपोर्ट नहीं करेगा.'
फिल्म इंडस्ट्री में गॉडफादर जरूरी या टैलेंट? एक्टर ने कहा, 'मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा. मेहनत करते रहो तो फल मिलता है. मैंने कभी गिव-अप करना नहीं सीखा. ये जरूर है कि इस जगह आपको पैसा, फेम अट्रैक्ट करता है, लेकिन इस इंडस्ट्री की तरफ आपको पागलपन ही आगे बढ़ाता है. जिसके बाद आप इसे इंजॉय करने लगते है. बाकी लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव होते हैं, कभी खुशी है तो कभी गम. लेकिन आप यहां मजबूत बन जाते है.'
इश्वाक सिंह को डायरेक्टर से डर लगाता है? एक्टर ने मजाकिया लहजे में इसका जवाब देते हुए कहा, 'डरते तो हम किसी के बाप से नहीं है. लेकिन डायरेक्टर के साथ काम करने के दौरान क्लोज रिलेक्शन बनता है. कभी ऐसा नहीं होता कि कोई डायरेक्टर, एक्टर के साथ गलत करेगा. डायरेक्टर सॉफ्ट और केयरिंग टाइप होते हैं. वो आपको कैमरे पर पूरी सच्चाई के साथ पेश करते हैं.' एक्टर ने ये भी कहा कि उन्हें प्रकाश झा के साथ काम करके अच्छा लगा.
किस फिल्म के साथ चैलेंजिंग था? हर नए एक्टर को पहले शूट के साथ थोड़ा डर रहता है कि मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा. ठीक होगा या नहीं. शुरुआत में ये सारी चीजें होती रहती है. लेकिन बाद में सभी ठीक हो जाता है. शूटिंग वाली जगह फिर खेल का मैदान बन जाती है. जहां प्रैक्टिस भी पूरी होती है और परफॉर्म भी. फिर आपका डर भी गायब हो जाता है.













