
पुरानी संसद में बोले PM मोदी- इसे विदेशी शासकों ने बनाया था, लेकिन इसमें पैसा, परिश्रम और पसीना भारतीयों का लगा
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पीएम मोदी ने कहा, आजादी के बाद संसद भवन के रूप में इसे पहचान मिली. ये सही है, इस इमारत के निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था. लेकिन ये बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी हमारे देश के लगे थे.
आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा, नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ियों का स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है. हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आजादी से पहले ये सदन काउंसिल का स्थान हुआ करता था. आजादी के बाद संसद भवन के रूप में इसे पहचान मिली. ये सही है, इस इमारत के निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था. लेकिन ये बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी हमारे देश के लगे थे.
पीएम मोदी ने कहा, 75 साल की यात्रा ने तमाम लोकतांत्रित प्रक्रियाओं का देश ने सृजन किया है. सदन में सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से देखा भी है. हम नए भवन में भले ही जाएंगे, लेकिन पुराना भवन भी आगे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा. ये भारत के लोकतंत्र की स्वर्णिम यात्रा का अहम अध्याय है.
पीएम मोदी ने कहा, भारत इस बात का गर्व करेगा कि जी-20 में भारत की अध्यक्षता के समय अफ्रीकन यूनियन जी-20 का सदस्य बना. भारत के भाग्य में अफ्रीकन यूनियन की अपेक्षाओं को पूरा करने का काम आया. ये भारत की ताकत है कि जी-20 समिट में घोषणा पत्र पर सहमति से हस्ताक्षर हुए. आपके नेतृत्व में दुनियाभर के जी-20 के सदस्य पी-20 की समिट को सरकार का पूरा समर्थन रहेगा और साथ रहेगा. हम सब के लिए ये गर्व की बात है कि भारत विश्व मित्र के रूप में अपनी जगह बना पाया है. पूरा विश्व भारत में अपना मित्र खोज रहा है.
गरीब बच्चा संसद पहुंच गया- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, मैं पहली बार जब संसद का सदस्य बना, जब पहली बार सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया. इस संसद भवन के दरवाजे पर अपना शीश झुकाकर इस लोकतंत्र के मंदिर में श्रद्धा भाव से कदम रखा था. ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है. रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला गरीब बच्चा संसद पहुंच गया. मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश इतना आशीर्वाद देगा, इतना प्यार देगा, ये कभी सोचा नहीं था.
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना काल में भी हमने देश का काम रुकने नहीं दिया. मास्क लगाकर आना पड़ता था. सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करते थे. सदन से सदस्यों का हमने लगाव देखा है. कोई पुराना सदस्य जो पहले रहा हो, वह सदन के सेंट्रल हॉल जरूर आता है.

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