
पुराना है प्रधानमंत्री मोदी और त्रिनिदाद का रिश्ता, 25 साल पहले विश्व हिंदू सम्मेलन को किया था संबोधन
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यह उनकी प्रधानमंत्री के तौर पर इस देश में पहली आधिकारिक यात्रा है, जबकि उनका पिछला संबंध 1999-2000 के दौरान विश्व हिंदू सम्मेलन से जुड़ा है. यहां से उन्होंने खुद को ग्लोबल हिंदू नेतृत्व वाला व्यक्तित्व के रुप में स्थापित किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (आज) शुक्रवार को कैरिबियाई सागर में स्थित त्रिनिदाद और टोबैगो के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यहां उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा है कि इस देश में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस और धैर्य की मिसाल है. जिस परिस्थिति में भारतीय लोग यहां आए वो मज़बूत आत्मा को भी तोड़ सकती है. लेकिन, उन्होंने संघर्ष को उम्मीद और हिम्मत से झेला.
नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री के तौर पर त्रिनिदाद और टोबैगो की यह पहली यात्रा है. लेकिन, उनका इस धरती से पुराना संबंध है. उन्होंने 25 साल पहले 1999 में बीजेपी के महासचिव के तौर पर राष्ट्र की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने अगस्त 2000 में विश्व हिंदू सम्मेलन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया था.
विश्व हिंदू सम्मेलन द्वारा इसका सम्मेलन का आयोजन राजधानी पोर्ट‑ऑफ‑स्पेन में किया गया था. इस सम्मेलन में दुनिया भर के प्रतिनिधि आए थे. इस सम्मेलन में त्रिनिदाद-टोबैगो के तत्कालीन प्रधानमंत्री बासदेव पांडे, तत्कालीन आरएसएस सरसंघचालक के. सुदर्शन और आरएसएस के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इस सम्मेलन का विषय 'हिंदू धर्म और समकालीन विश्व समस्याएं – विकासशील तकनीक और मनुष्य की चुनौतियां' थी.
नरेंद्र मोदी ने इस सम्मेलन में भाषण दिया था और ख़ुद को ग्लोबल हिंदू नेतृत्व वाला व्यक्तित्व के रुप में स्थापित किया. इसके बाद ही नवंबर 2000 में उन्हें बीजेपी के संगठन प्रभारी महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था और अगले साल वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने.
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