
पुतिन ने जंग से पीछे हटने वाले सैनिकों को गोली मारने का दिया आदेश! यूक्रेन युद्ध पर बड़ा दावा
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लगभग नौ महीने से रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग रुकने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों देश इस युद्ध में अपना सब कुछ झोंक चुके हैं. इसी बीच ब्रिटेन की एक खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि रूस ने जंग से पीछे हटने वाले रूसी सैनिकों को गाली मारने का आदेश दिया है.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने खुफिया रिपोर्ट के हवाले से शुक्रवार को दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन से जारी जंग से पीछे हटने वाले सैनिकों को गोली मारने का आदेश दिया है. यूक्रेन की वर्तमान स्थिति को लेकर यह जानकारी ब्रिटेन ने एक इंटेलिजेंस एजेंसी के रिपोर्ट के हवाले से ट्वीट करते हुए दिया है. ब्रिटन ने दावा किया है कि रूस इसके लिए एक स्पेशल यूनिट तैनात कर रही है. ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने इस कदम का कारण रूसी सेना के अंदर युद्ध में उत्साह और मनोबल में आई कमी को बताया है.
चेतावनी के बाद शूटिंग का आदेश ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा है कि रूसी जनरल ने अपने कमांडरों से कहा है कि जंग से पीछे हटने वालों सैनिकों के खिलाफ हथियार का इस्तेमाल किया जाए. रिपोर्ट के अनुसार, चेतावनी देने के बाद भी अगर सैनिक मानने को तैयार नहीं होते हैं तो उन्हें गोली मार देने का भी आदेश शामिल है.
विभिन्न रिपोर्ट और खुफिया अपडेट के अनुसार, सितंबर में रूस को मिली बड़ी हार और यूक्रेन का फिर से अपने क्षेत्र पर कब्जा से रूसी सेना के मनोबल में कमी आई है.
पुतिन ने खुद मोर्चा संभाला रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सैनिकों को पीछे हटने से रोकने के लिए खुद मोर्चा संभाल रखा है. सितंबर में न्यूयार्क टाइम्स में पब्लिश खबर के अनुसार, खेरसान शहर में यूक्रेन का दखल बढ़ता देख रूसी सेना ने राष्ट्रपति पुतिन से पीछे हटने का अनुरोध किया था, जिसे पुतिन ने अस्वीकार कर दिया था. रूस ने जंग से पीछे हटने वाले सैनिकों के लिए सजा भी बढ़ा दी है. सितंबर में रूस ने एक विधेयक पारित किया था. इस विधेयक के द्वारा जंग से पीछे हटने वाले सैनिकों की सजा 5 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है. दंड को लागू करने की अनुमति देने वाला डिक्री पर पुतिन ने हस्ताक्षर कर इस विधेयक पर मुहर लगाई.
रूसी सेना में मनोबल की कमी का दावा ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने जून में भी कहा था कि रूसी सैनिकों ने पुतिन का आदेश मानने से इनकार कर दिया है. जिसके कारण रूसी अधिकारियों और उनके सैनिकों के बीच गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई है. पिछले नौ महीने से जारी जंग में सितंबर में पहली बार रूस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. रूस की सेना पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन के कई इलाकों में पीछे हट गई है. जिसमें यूक्रेन की पूर्वी डोनेत्सक क्षेत्र का लाइमेन शहर भी शामिल है.
घर जाने के लिए हो रहे घायल यूक्रेन द्वारा पकड़े गए कई रूसी सेना रोते हुए अपनी व्यथा सुनाते हैं. रूस के सैनिकों का कहना है कि वे जान बूझ कर घायल होना चाहते हैं ताकि वे घर जा सकें. रूस में कई युवकों ने लड़ाई में बुलाए जाने के डर से देश छोड़ दिया है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

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