
पुतिन जंग रोकने के लिए डील को तैयार लेकिन क्या क्रीमिया-डोनबास इलाका छोड़ेगा यूक्रेन?
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ईस्टर (रविवार) के मौके पर यूक्रेन के साथ एकतरफ युद्धविराम की घोषणा की थी. अब उन्होंने युद्ध खत्म करने के लिए यूक्रेन को सीधी बातचीत का ऑफर दिया है. लेकिन इस बीच एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यूक्रेन रूस के कब्जा किए गए इलाकों को छोड़ने पर राजी होगा या नहीं.
पिछले तीन सालों से अधिक समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक बयान से अहम मोड़ आया है. राष्ट्रपति पुतिन ने युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन को सीधी बातचीत का ऑफर दिया है. पुतिन ने कहा है कि वो ईस्टर युद्धविराम के बाद अब और युद्धविराम के लिए तैयार हैं. रूसी राष्ट्रपति ने ईस्टर के मौके पर एक दिन के एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बढ़ते दबाव के बीच पुतिन ने युद्धविराम के लिए यूक्रेन को सीधी बातचीत का प्रस्ताव दिया है.
फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन शुरू होने के बाद से दोनों पक्षों में किसी तरह की बातचीत नहीं हुई है. राष्ट्रपति पुतिन के सीधी बातचीत का संकेत देने के बाद रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन की तरफ से भी इस संबंध में टिप्पणी सामने आई है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'जब राष्ट्रपति ने कहा कि नागरिकों पर हमला न करने के मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा करना संभव है, तो राष्ट्रपति के मन में यूक्रेनी पक्ष के साथ बातचीत और विचार-विमर्श की बात थी.'
इधर, जेलेंस्की ने रात को जारी को एक वीडियो संदेश में कहा कि 'यूक्रेन रूस से सीधा जवाब चाहता है कि वो नागरिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमले रोकेगा या नहीं.'
इस हफ्ते लंदन में यूक्रेन शांति समझौते के लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों से बातचीत करने वाला है. पिछले हफ्ते पेरिस में भी एक वार्ता हुई थी जिसमें युद्ध रोकने पर बात हुई थी.
रूस और यूक्रेन दोनों ही पक्षों पर इस वक्त युद्ध रोकने के लिए अमेरिका का दबाव बढ़ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तरफ से धमकी भी दी गई है कि अगर जल्द ही कोई शांति समझौता नहीं होता तो वो भविष्य में होने वाली बातचीत से बाहर हो जाएंगे. ट्रंप के इसी दबाव के बीच पुतिन ने यूक्रेन को सीधी बातचीत का प्रस्ताव दिया है.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

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