पाकिस्तान को रूस ने दिया सस्ता तेल, फिर दिया खास पैगाम, बढ़ेगी भारत की चिंता?
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रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि उनका देश पाकिस्तान के साथ संबंधों को और आगे ले जाना चाहता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और रूस के द्विपक्षीय व्यापार बढ़े हैं और दोनों देश तेल को लेकर समझौता भी कर रहे हैं. पाकिस्तान-रूस के बढ़ते संबंध भारत के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है.
रूस ने पाकिस्तान से अपने रिश्तों को और मजबूत करने की इच्छा जताई है. सोमवार को पाकिस्तान-रूस संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस हमेशा से पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को बेहतर बनाना चाहता है. इससे पहले रविवार को रूसी कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान पहुंची जिसे लेकर शहबाज शरीफ ने कहा कि यह पाकिस्तान-रूस के रिश्तों में एक नई शुरुआत है.
शीत युद्ध के समय पाकिस्तान और रूस के रिश्ते बेहद कमजोर स्थिति में थे क्योंकि पाकिस्तान रूस के खिलाफ अमेरिकी गुट का हिस्सा था. लेकिन साल 2015-16 के बाद से दोनों देशों के बीच करीबी बढ़नी शुरू हुई है. दोनों ही देश पुरानी दुश्मनी भुलाकर द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करना चाहते हैं.
2016 से दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास हो रहा है. फरवरी 2022 में जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान रूस में ही मौजूद थे. साल 2022 में समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के दौरान व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मुलाकात भी की थी.
इसके बाद अप्रैल में दोनों देशों ने ऐतिहासिक तेल समझौता किया जिसके तहत इसी रविवार को पाकिस्तान को रूसी तेल का पहला शिपमेंट मिल गया है. यह एक टेस्ट कार्गो है और कच्चे तेल को रिफाइन करने के बाद इसकी क्वालिटी देखकर ही पाकिस्तान रूस के साथ तेल समझौते पर आगे बढ़ेगा. रूस ने पाकिस्तान को यह तेल रियायती दरों पर दिया है.
'पाकिस्तान के लोग राष्ट्रपति पुतिन का सम्मान करते हैं'
रूस-पाकिस्तान संबंधों की बात करते हुए रूसी विदेश मंत्री ने कहा, 'हम जानते हैं कि पाकिस्तान के लोग रूस और व्लादिमीर पुतिन का सम्मान करते हैं. हम इस बात की बहुत सराहना करते हैं.'
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