
पाकिस्तान को तालिबान लगने लगा जिद्दी, बातचीत की टेबल पर क्यों झुंझला उठा?
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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ सकता है. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार दोनों देशों के बीच बातचीत विफल होने के कगार पर पहुंच गया है. पाकिस्तान ने इसके लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं वार्ता के दौरान अफगानिस्तान ने पाकिस्तान का दांव इस्लामाबाद पर ही चल दिया है.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच 15 घंटे से ज्यादा शांति वार्ता पर माथापच्ची चल रही है, लेकिन इस वार्ता का कोई कंक्रीट नतीजा सामने नहीं आ रहा है. लिहाजा दोनों मुल्कों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशें सिफर साबित हो सकती हैं. दरअसल तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में हो रही इस शांति वार्ता में अफगान तालिबान ने होशियारी का परिचय दिया है और पाकिस्तान जिस 'आतंकवाद' का रोना रो रहा था उसे अफगानिस्तान तालिबान ने पाक अफसरों के सिर पर ही मढ़ दिया.
अफगानिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान को अपनी जमीन का इस्तेमाल अफगानिस्तान के खिलाफ नहीं होने देना चाहिए. पहले पाकिस्तान यही आरोप अफगानिस्तान पर लगाता रहता था.
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के सामने दो तगड़ी शर्तें रखीं.
1. अफगानिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र और लैंड बॉर्डर का किसी भी हाल में उल्लंघन नहीं किया जाएगा.
गौरतलब है कि हाल ही में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के कई शहरों में एयर स्ट्राइक किए थे. इसमें राजधानी काबुल पर भी पाकिस्तान ने बम गिराए थे.
2. पाकिस्तान अफगानिस्तान के दुश्मनों को अफगानिस्तान के खिलाफ अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति किसी भी हालत में न दे.

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