
पाकिस्तान के आतंकवाद का भारत ही नहीं, कुवैत भी रहा है भुक्तभोगी, अब तक बैन कर रखी थी पाकिस्तानियों की एंट्री
AajTak
कुवैत ने पिछले 19 सालों से देश में पाकिस्तानी नागरिकों की एंट्री बंद कर रखी थी. उसे डर था कि पाकिस्तान स्थित आतंकी उसके यहां आकर आतंक फैला सकते हैं. सुरक्षा कारणों का हवाला देकर लगाई गई पाबंद अब जाकर हटाई गई है.
पाकिस्तान का आतंकवाद केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहा है बल्कि उसका शिकार मुस्लिम देश भी हो चुके हैं. खाड़ी का इस्लामिक देश कुवैत भी पाकिस्तान के आतंकवाद का भुक्तभोगी रहा है जिसे देखते हुए 2011 में कुवैत ने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा दिया था. सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए खाड़ी देश ने पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा जारी करना बंद कर दिया था. अब हालांकि, कुवैत ने पाकिस्तान के नागरिकों पर लगा यह प्रतिबंध हटा दिया है.
कुवैत ने अब पाकिस्तानियों को वर्क, फैमिली, विजिट, टूरिस्ट और कमर्शियल विजीट वीजा जारी करने की घोषणा कर दी है.
कुवैत ने 19 साल पहले पाकिस्तान पर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वीजा प्रतिबंध लगाया था. यूएई स्थित गल्फ न्यूज ने कुवैत में पाकिस्तान के राजदूत डॉ. जफर इकबाल का हवाला देते हुए लिखा है कि वीजा बैन हटने के बाद पाकिस्तान नर्सों समेत कई तरह के वर्कर्स को कुवैत भेजने की तैयारी में है.
इकबाल ने कहा कि कुवैत के हेल्थ सेक्टर को वर्कर्स की जरूरत है और इसे देखते हुए पाकिस्तान 1,200 नर्सों को कुवैत भेजने जा रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि 125 नर्सों के एक समूह को बीते हफ्ते ही कुवैत भेजा जाना था लेकिन उनके रहने के लिए घर की व्यवस्था नहीं हो पाई थी जिसके कारण उनका कुवैत जाना कुछ समय के लिए टल गया है.
कुवैत ने 19 साल पहले पाकिस्तान पर लगाया था वीजा बैन
पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के खतरे को देखते हुए कुवैत ने 2011 में उस पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया था. कुवैत ने कहा था कि पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति सही नहीं है और उसे डर था कि अलकायदा और तालिबान से जुड़े कट्टर इस्लामिक आतंकी कुवैत में आकर आतंकवाद फैला सकते हैं. प्रतिबंध की एक बड़ी वजह मई 1985 में कुवैत के अमीर शेख जबेर अल-अहमद अल-सबह के काफिले पर आतंकी हमला भी था.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







