नेपाल की अर्थव्यवस्था डगमगाई, विदेशों से ये चीजें मंगाने पर बैन, बैंकों को संभलकर लोन देने की सलाह
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Nepal Economic Crisis: इस बीच अब नेपाल की सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को रोकने के लिए विलासिता की वस्तुओं (Luxury Items) के आयात पर बैन लगा दिया है. इस समय नेपाल सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती विदेशी मुद्रा भंडार का सही से प्रबंधन करना है.
कहावत है... पड़ोसी से दोस्ती रहे या ना रहे, वो खुशहाल रहे, तो समाज खुशहाल रहता है. लेकिन भारत के पड़ोसी देशों के साथ ऐसा नहीं है. श्रीलंका (Sri Lanka) की अर्थव्यवस्था (Economy) चौपट हो गई है, महंगाई चरम पर पहुंच गई है. एक कप चाय के लिए लोगों को 100 रुपये (श्रीलंकाई करेंसी) चुकाने पड़ रहे हैं. देश का विदेशी मुद्रा भंडार निगेटिव हो गया है.
वहीं पाकिस्तान (Pakistan) की भी आर्थिक सेहत बहुत बेहतर नहीं है, कर्ज के बल पर पाकिस्तान में सब कुछ टिका है. इस बीच अब नेपाल (Nepal) की भी अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है. नेपाल की आर्थिक स्थिति बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी है. जिसके बाद नेपाल की सरकार और नेपाल राष्ट्र बैंक (Nepal Rastra Bank- NRB) द्वारा फटाफट फैसले लिए जा रहे हैं.
डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए उपाय गंभीरता को देखते हुए NRB ने खत लिखकर केंद्रीय वित्त मंत्रालय से कहा है कि पेट्रोलियम उत्पाद के आयात को नियंत्रित करें. साथ ही बैंकों को आदेश दिया गया है कि वे बेवजह के लोन देने से बचें. 27 वाणिज्यिक बैंकों के साथ बैठक में NRB ने कहा कि खासकर वाहन लोन या गैर-जरूरी लोन देने से बचें. कहा जा रहा है कि नेपाल केंद्रीय बैंक का यह फैसला डूबती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए है.
बता दें, आयातित पेट्रोलियम के लिए नेपाल सरकार हर महीने भारत को 24-29 अरब रुपये का भुगतान करता है.
इस बीच अब नेपाल की सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को रोकने के लिए विलासिता की वस्तुओं (Luxury Items) के आयात पर बैन लगा दिया है. इस समय नेपाल सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती विदेशी मुद्रा भंडार का सही से प्रबंधन करना है. काठमांडू से छपने वाले अंग्रेजी अखबार myRepublica ने 7 अप्रैल को NRB के प्रवक्ता गुनाकर भट्टा से बातचीत के आधार पर ये रिपोर्ट पब्लिश की है.
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट जारी