नीरव-माल्या,हाई प्रोफाइल भगोडों को वापस लाने में सरकार नाकाम क्यों
The Quint
Nirav, Malya-India fails in high profile extradition case: सिर्फ मेहुल ही नहीं नीरव मोदी, विजय माल्या, ललित मोदी, दाऊद इब्राहिम जैसे कई भगोड़ों को वापस लाना भारत के लिए आसान नहीं है.
पीएनबी स्कैम में आरोपी और भगौड़े मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर सस्पेंस बरकरार है. मेहुल चोकसी के भारत वापस लाने की मांग को लेकर एंटीगुआ में सियासत शुरू हो गई है. एंटीगुआ में विपक्ष के नेता ने कहा है कि चोकसी एंटीगुआ का नागरिक है और उसके नागरिक को किसी दूसरे देश में को नहीं सौंपा जा सकता है. ऐसे में भारत के लिए मेहुल को वापस लाना बड़ी चुनौती है.सिर्फ मेहुल ही नहीं नीरव मोदी, विजय माल्या, ललित मोदी, दाऊद इब्राहिम जैसे कई भगोड़ों को वापस लाना भारत के लिए आसान नहीं है.हालांकि संजीव चावला और छोटा राजन जैसे कुछ मामलों में भारत को सफलता भी मिली है लेकिन ज्यादातर हाई प्रोफाइल प्रत्यर्पण मामलों में भारत सरकार को नाकामी हाथ लगी है.1993 के मुंबई बम धमाकों का आरोपी दाऊद इब्राहिम1993 के ही गुजरात बम धमाकों का आरोपी टाइगर हनीफ1997 के गुलशन कुमार हत्याकांड का आरोपी नदीम सैफी और डेविड कोलमैन हेडली2006 में नौसेना वार रूम लीक मामले का आरोपी रवि शंकरन2016 में बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार विजय माल्या2017 में पीएनबी स्कैम मामले में भगोड़े मेहुल और नीरव मोदीइन हाई प्रोफाइल नामों के अलावा भी कई लोग भारत छोड़कर भाग चुके हैं, जिन्हें अब तक भारत सरकार वापस नहीं ला सकी है.ब्रिटेन में नीरव से लेकर माल्या, भारत आने में क्यों रुकावटइसी साल अप्रैल के महीने में ब्रिटेन के गृह विभाग ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,758 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोपी भारत के हीरा व्यापारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. लेकिन फिर भी उसे अबतक भारत नहीं लाया जा सका है.हालांकि जानकार बताते हैं कि उसे लाना इसलिए भी आसान नहीं है क्योंकि मार्च 2019 से लंदन की जेल में रह रहे नीरव मोदी के पास हाइकोर्ट में अपील का विकल्प है. इसके अलावा अगर प्रत्यर्पण पर मुहर लगी तो यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट जाने के साथ इंग्लैंड में शरण के लिए आवेदन लगाने का भी ऑप्शन खुला हुआ है.किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक रहे विजय माल्या अब भी ब्रिटेन में शरण लिए हुए है. हालांकि 14 मई 2020 को ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण के पक्ष में फैसला सुनाया था और यूके के हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए माल्या के भारत में प्रत्यर्पण का निर्देश दिया था.लेकिन एक साल का वक्त बीत चुका है फिर भी उ...More Related News