
दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों की लिस्ट जारी, जानें क्या है भारत-पाकिस्तान की रैंकिंग
AajTak
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से जारी रिपोर्ट में डेनमार्क को सबसे कम भ्रष्ट देश बताया गया है. यह लगातार छठा वर्ष है जब डेनमार्क शीर्ष स्थान पर काबिज है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 93वां सबसे भ्रष्ट देश है. पिछले साल 2022 में भारत 85वें स्थान पर था.
भ्रष्ट देशों की लिस्ट जारी करने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने मंगलवार को साल 2023 के लिए ग्लोबल करप्शन इंडेक्स जारी की है. 180 देशों की लिस्ट में भारत 8 स्थान की गिरावट के साथ 93वें पायदान पर पहुंच गया है. यानी 87 देशों में भारत से ज्यादा भ्रष्टाचार है. वहीं, 92 देशों से ज्यादा भ्रष्टाचार भारत में है.
180 देशों की लिस्ट में दो-तिहाई से अधिक देशों का स्कोर 50 से भी नीचे हैं. यानी दो-तिहाई से अधिक देशों में व्यापक रूप से भ्रष्टाचार है. वहीं, औसतन भ्रष्टाचार स्कोर 43 है. रिपोर्ट के मुताबिक, पब्लिक सेक्टर के भ्रष्टाचार में सबसे कम सुधार दर्ज किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) 2023 से पता चलता है कि अधिकांश देशों ने पब्लिक सेक्टर में जारी भ्रष्टाचार से निपटने में बहुत कम या कोई सुधार नहीं किया है. यह लिस्ट पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार के आधार पर तैयार की जाती है. शून्य स्कोर का मतलब सबसे भ्रष्ट और 100 स्कोर का मतलब सबसे ईमानदार है.
सबसे कम भ्रष्ट देश कौन से हैं?
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से जारी रिपोर्ट में डेनमार्क को सबसे कम भ्रष्ट देश बताया गया है. यह लगातार छठा वर्ष है जब डेनमार्क शीर्ष स्थान पर काबिज है. न्याय प्रणालियों में अच्छी सुविधाओं के कारण डेनमार्क ने सबसे ज्यादा 100 में से 90 अंक हासिल किए हैं.
वहीं, फिनलैंड न्यूजीलैंड क्रमशः 87 और 85 के स्कोर के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. इस साल शीर्ष 10 देशों में नॉर्वे (84), सिंगापुर (83), स्वीडन (82), स्विट्जरलैंड (82), नीदरलैंड (79), जर्मनी (78), और लक्जमबर्ग (78) शामिल हैं.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







