
तो क्या वाकई 'होर्मुज' बंद होने से बेअसर रहेगा भारत? सरकार का दावा-हमारी सप्लाई नहीं रुकेगी
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Hormuz Close Impact On India: भारत अपनी जरूरत का 90% कच्चा तेल आयात करता है और इसमें से 40% से ज्यादा मिडिल ईस्ट के देशों से आता है और ये स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के जरिए ही पहुंचता है.
मिडिल ईस्ट में तनाव (Middle East Tension) जोरों पर है और इजरायल-ईरान के बीच जंग (Israel-Iran War) लगातार तेज होती जा रही है. इस बीच बीते शनिवार को अमेरिका की ओर से ईरानी परमाणु साइट्स पर की गई एयर स्ट्राइक (US Strike On Iran) ने इस जंग को और हवा दे दी. इसके बाद ईरान ने न केवल इजरायल पर अपने हमले तेज कर दिए, बल्कि ईरानी संसद ने आनन-फानन में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज (Strait Of Hormuz) को बंद करने के प्रस्तान को मंजूरी दे दी. दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले Crude का 20 फीसदी के आस-पास व्यापार इसी तेल मार्ग के जरिए होता है.
अमेरिका, चीन, जापान के साथ ही भारत भी खरीदार देशों की लिस्ट में शामिल है. सरकार भले ही इस रूट के बाधित होने से भारत के क्रूड इंपोर्ट पर बहुत बड़ा असर होने की बात से इनकार कर रही है, लेकिन ICRA के आंकड़ों के मुताबिक, SoH के जरिए भारत में चीन, जापान, कोरिया के बाद सबसे ज्यादा आयात होता है. आइए समझते हैं कि इस ऑयल रूट का बंद होने कैसे भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है और इससे निपटने के लिए सरकार की क्या तैयारी है?
दुनिया का 20% तेल व्यापार होर्मुज के जरिए रिसर्च फर्म इकरा के मुताबिक, ईरानी संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य या Strait Of Hormuz को बंद करने की मंजूरी दे दी है, वो दुनिया में कच्चा तेल पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण रूट है और वैश्विक क्रूड ऑयल और LNG व्यापार का करीब 20 फीसदी इसी होर्मुज रूट के जरिए होता है. खास बात ये है कि एसओएच के जरिए दुनिया को होने वाले इस तेल निर्यात का 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा एशिया में आयात होता है, जिसमें चीन, भारत, जापान और साउथ कोरिया में 65 फीसदी Crude Oil पहुंचता है.
क्रूड आयात में चीन से भारत तक का हिस्सा ICRA की रिपोर्ट में बीते साल 2024 में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के जरिए तमाम देशों को किए गए कच्चे तेल के निर्यात के आंकड़ों पर गौर करें, तो चीन को 26 फीसदी, जापान-कोरिया को 22 फीसदी, भारत को 14 फीसदी, यूरोपीय देशों को 8 फीसदी, अमेरिका को 4 फीसदी, अफ्रीका को 5 फीसदी क्रूड की सप्लाई की गई. इस बीच Rest Of Asia में 22 फीसदी आयात हुआ. मतलब चीन और Japan-Korea के बाद भारत में सबसे ज्यादा तेल आया. रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, इराक, सऊदी अरब, कुवैत और UAE से क्रूड ऑयल का जो आयात होर्मुज के जरिए किया जाता है, वो भारत में कुल कच्चे तेल के आयात का लगभग 45-50 फीसदी है.
ईरान के लिए आसान नहीं होर्मुज बंद करना इतिहास पर नजर डालें, तो भले ही कई बड़े खतरे आए हों, लेकिन ईरान की ओर से कभी भी होर्मुज स्ट्रेट को बंद नहीं किया गया है. इसका एक बड़ा कारण ये भी है Iran Economy खुद तेल पर निर्भर है और ऐसा कोई भी फैसला न सिर्फ दुनिया के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है, बल्कि ईरान की अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है. हालांकि, दूसरी ओर ईरान की होर्मुज को बंद करने की धमकी के बीच Crude Oil Price में जोरदार उछाल देखने को मिला है और ये सोमवार को 80 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को पार कर गया.













