
डेंगू-मलेरिया से परेशान पाकिस्तान, भारत से खरीदेगा 60 लाख मच्छरदानी
AajTak
बाढ़ग्रस्त पाकिस्तान में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे है. पाकिस्तान के 32 जिलों में अब तक मलेरिया के 27 लाख मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में पाकिस्तान ने भारत से मच्छरदानियां मंगवाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद अब भारत से 60 लाख मच्छरदानियां पाकिस्तान भेजी जाएंगी.
भयावह बाढ़ से जूझ रहे पाकिस्तान में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत से 60 लाख मच्छरदानी खरीदने को मंजूरी दे दी है. पाकिस्तान के लिए मच्छरदानी खरीदने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ग्लोबल फंड के तहत मुहैया कराए गए फंड का इस्तेमाल करेगा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ अधिकारियों का कहना है कि वे जितना जल्दी हो सके मच्छरदानी खरीदने की योजना बना रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि वाघा बॉर्डर के जरिए उन्हें अगले महीने तक मच्छरदानी मिल जाएगी.
बता दें कि पाकिस्तान में जून के मध्य में हुई मूसलाधार बारिश से भयंकर बाढ़ आ गई थी, जिसमें अब तक 1,700 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 3.3 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. बाढ़ में पाकिस्तान का एक-तिहाई हिस्सा जलमग्न हो गया.
पाकिस्तान के 32 जिलों में तेजी से फैल रहा डेंगू, मलेरिया
डब्ल्यूएचओ ने सितंबर में चेतावनी दी थी कि मलेरिया जैसी बीमारियों के मामले बढ़ने से दूसरी आपदा आ सकती है. बीते हफ्ते डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी थी कि जनवरी 2023 तक बाढ़ग्रस्त पाकिस्तान के 32 जिलों में मलेरिया के 27 लाख मामले सामने आ सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि देश के 32 बाढ़ग्रस्त जिलों में मलेरिया तेज गति से बढ़ रहा है, जहां मच्छर से होने वाली बीमारियों से बड़ी संख्या में बच्चे जूझ रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, इन बीमारियों के मद्देनजर पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने भारत से मच्छरदानियां मंगवाने का अनुरोध किया था. अधिकारी ने बताया कि उन्होंने सिंध, पंजाब और ब्लूचिस्तान के 26 बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए मच्छरदानियों की व्यवस्था कराने के लिए ग्लोबल फंड से आग्रह किया था.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






