
ट्रंप ने कसा शिकंजा तो पुतिन ने और बढ़ा दी छूट! भारत के लिए सस्ता हुआ रूसी तेल, लेकिन...
AajTak
अमेरिका द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत और चीन ने रूसी तेल की खरीद सीमित कर दी है. इसे देखते हुए रूस ने तेल की कीमतें घटा दी हैं. इस बीच रूस से इतर बाकी देशों से आनेवाले तेल की कीमतें बढ़ गई हैं.
रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर डोनाल्ड ट्रंप के प्रतिबंधों ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. रूसी तेल के दो सबसे बड़े खरीददार भारत और चीन ने ट्रंप की तरफ से प्रतिबंधित रूसी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल से तेल खरीद सीमित कर दी है. इस बीच खबर है कि रूस ने अपने तेल की कीमतों में कटौती कर दी है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इंडस्ट्री के जानकार सूत्रों ने जानकारी दी है कि रूस ने भारत और चीन को तेल पर दी जानेवाली छूट बढ़ा दी है. रूस के प्रमुख यूराल क्रूड (Urals crude) की कीमत में दिसंबर डिलीवरी के लिए ब्रेंट की तुलना में लगभग 4 डॉलर प्रति बैरल की छूट आ गई है. करीब एक साल में यूराल क्रूड कभी इतना सस्ता नहीं रहा. रूस ने अपने क्रूड पर छूट पिछले सप्ताह की तुलना में 2 डॉलर और बढ़ा दी है.
हालांकि यह छूट 2022 में पश्चिमी देशों की तरफ से रूसी तेल पर लगाए प्रतिबंधों के बाद की तुलना में कम है, जब यह लगभग 8 डॉलर प्रति बैरल थी.
अमेरिका ने हाल ही में रूसी तेल कंपनियों लुकोइल (Lukoil) और रोसनेफ्ट (Rosneft) पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं और 21 नवंबर तक इन कंपनियों के साथ सभी लेन-देन समाप्त करने की समयसीमा तय की है.
इसके बाद प्रमुख भारतीय रिफाइनर- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL), मेंगलुरु रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स (MRPL), एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी (HMEL) और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने दिसंबर डिलीवरी के लिए रूसी तेल के ऑर्डर रोक दिए हैं. ये पांचों कंपनियां मिलकर भारत के रूसी तेल आयात का लगभग 65% हिस्सा खरीदती हैं.
अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद चीन की सरकारी तेल कंपनियों ने भी समुद्री रास्ते से आने वाले रूसी तेल की खरीद निलंबित कर दी है. इससे चीनी बंदरगाहों पर ESPO ब्लेंड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट आई है. भारत और चीन का रूसी तेल खरीद सीमित करना रूस के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






