
टुकड़े-टुकड़े होगा पाकिस्तान! जानें किन हिस्सों में चल रही है अलग मुल्क बनाने की मांग
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इन दिनों कई देश अपने बॉर्डर के विस्तार में लगे हुए हैं, वहीं भीतर ही भीतर लगभग हर देश में सेपरेटिस्ट मूवमेंट भी चल रहा है. अलग जबान और तौर-तरीकों के आधार पर लोग खुद को अलग राष्ट्र बनाना चाहते हैं. पाकिस्तान में भी अलगाववाद फल-फूल रहा है. उसके अपने ही लोगों ने बगावत छेड़ रखी है. अगर वे कामयाब हुए तो देश एक-दो नहीं, कई टुकड़ों में टूट सकता है.
पाकिस्तान के टूटने की शुरुआत साल 1971 में हो गई थी, जब भारत की मदद से बांग्लादेश बना. इसके बनने के पीछे भी 24 सालों का असंतोष था. असल में अस्तित्व में आने पर इस देश में पूर्वी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है) की आबादी ज्यादा थी. ये बांग्ला बोलने वाले लोग थे. ज्यादा संख्या के चलते वे उम्मीद कर रहे थे कि नए देश में उन्हें ज्यादा तवज्जो भी मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
संसद में बांग्ला बोलने पर मनाही
पाकिस्तानी असेंबली में बांग्ला बोलने पर पाबंदी लगा दी गई, ये कहते हुए कि मुस्लिमों की भाषा उर्दू है. साथ ही, इस्लाम से जोड़ते हुए उर्दू को राजकीय भाषा बना दिया गया. यहां तक भी चल जाता, लेकिन हद ये हुई कि बांग्ला बोलने वालों पर हिंसा होने लगी.
पूर्वी पाकिस्तान से होने लगा भेदभाव
बंगाली आबादी के साथ असमानता इतनी बढ़ी कि पूरा का पूरा पूर्वी पाकिस्तान ही खुद को अलग-थलग पाने लगा. यहीं से बांग्लादेश की नींव पड़ी. आग में घी डालने का काम सत्तर के दशक में वहां आए साइक्लोन ने किया. भोला साइक्लोन में भारी संख्या में इसी इलाके के लोग मारे गए, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने उन्हें राहत देने में काफी हेरफेर की.
इसके तुरंत बाद बांग्लादेश अलग होने के लिए भिड़ गया. खूब खून बहा. पाकिस्तान पर आरोप है कि उसने मानवाधिकार ताक पर रखते हुए जमकर वॉर क्राइम भी किए. आखिरकार भारत के दखल देने पर पाकिस्तानी सेना को सरेंडर करना पड़ा, और बांग्लादेश बना.

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