जान और जहान, पढ़ें-देश में कोरोना की दूसरी लहर से कहां, कितना हुआ नुकसान?
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देश में कोरोना संक्रमण के मामले मार्च से दोबारा बढ़ना शुरू हो गए थे. अप्रैल तक आते-आते स्थिति इतनी विकराल हो गई कि कई राज्यों में तरह-तरह की पाबंदी लगने लगी और मई तक हम दूसरी लहर के पीक पर पहुंच गए. कोरोना की इस दूसरी लहर में सिर्फ लोगों की जान नहीं गई, कइयों की आजीविका छिन गई.
देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब थोड़ी कमजोर पड़ती नजर आ रही है.देश में दूसरी लहर का पीक 7 मई को था. उस दिन 4.14 लाख से ज्यादा नए मामले एक दिन में सामने आए थे. उसके बाद से ही मामले कम होने लगे. मामले कम होने के बाद 1 जून से कई राज्यों में कुछ शर्तों के साथ ढील मिलनी शुरू हो गई है. इससे उम्मीद है कि दूसरी लहर से जितना नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई हो सकती है. लेकिन सवाल है कि दूसरी लहर ने कितना नुकसान पहुंचाया? सिर्फ दो महीनों में गईं डेढ़ लाख से ज्यादा जानें इसे समझने से पहले ये समझना भी जरूरी है कि दूसरी लहर कितनी खतरनाक और जानलेवा थी? देश में कोरोना संक्रमण के मामले मार्च की शुरुआत से ही बढ़ने शुरू हो गए थे और आखिरी तक आते-आते हालात बिगड़ने लगे थे. नतीजा ये हुआ कि अप्रैल से ही पाबंदियां लगनी शुरू हो गईं. कोरोना की ये दूसरी लहर अप्रैल और मई में अपने चरम पर रही.More Related News