
जब 'टाइटैनिक' को डूबता देखने के लिए तैयार था हॉलीवुड, हुई फ्लॉप की भविष्यवाणी... एक ट्रेलर ने बदली कहानी
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'टाइटैनिक' सिर्फ एक फिल्म भर नहीं है बल्कि फिल्ममेकिंग की आर्ट का एक शानदार नमूना भी है. 11 ऑस्कर्स जीतने वाली, बॉक्स ऑफिस पर पहली बार एक बिलियन डॉलर से ज्यादा कमाने वाली इस फिल्म को कभी रिलीज से पहले ही फ्लॉप बता दिया गया था. फिर कैसे बदली इसकी तकदीर?
दुनिया भर के सिनेमा में आइकॉनिक लव स्टोरीज की कोई कमी नहीं है. एक ढूंढो, चार मिलती हैं. मगर शायद ही कोई फिल्म 'टाइटैनिक' (1997) को टक्कर दे सके. स्क्रीन पर तो इस फिल्म का मैजिक दुनिया ने देखा ही है. मगर लियोनार्डो डी'कैप्रियो और केट विंसलेट जब कागज पर थी, तभी इसकी नियति तय थी. शायद इसीलिए डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने स्टूडियो के सामने जब पहली बार इसकी स्क्रिप्ट रखी तो इसे 'रोमियो एंड जूलिएट ऑन टाइटैनिक' कहा था.
'टाइटैनिक' की पॉपुलैरिटी कैसी थी, इसे यूं समझिए कि इतिहास में ये पहली फिल्म थी जिसने एक बिलियन डॉलर का बिजनेस किया था. 2010 में जेम्स कैमरून की ही फिल्म 'अवतार' से पिछड़ने से पहले तक, ये दुनिया की सबसे कमाऊ फिल्म रही. लगभग दो दशकों तक. बात सिर्फ बिजनेस की ही नहीं है. 'टाइटैनिक' की शानदार फिल्ममेकिंग के गवाह इसे मिले 11 ऑस्कर अवॉर्ड भी हैं. दो और फिल्मों के साथ, ये एक फिल्म को मिले सबसे ज्यादा ऑस्कर्स का रिकॉर्ड भी है.
हर शानदार फिल्म का सफर, उसके ट्रेलर से शुरू होता है. मगर 'टाइटैनिक' के मामले में तो ट्रेलर ही उम्मीद की पहली किरण बनकर आया था. ट्रेलर देखने के बाद ही लोगों को इस फिल्म से कुछ उम्मीदें बनी थीं. वरना 'टाइटैनिक' की पहली झलक सामने आने से पहले तो इसके फ्लॉप होने की भविष्यवाणियां होने लगी थीं.
क्यों रिलीज से पहले ही फ्लॉप मान ली गई 'टाइटैनिक'? 'टाइटैनिक' 1912 में आइकॉनिक जहाज, आरएमएस टाइटैनिक के डूबने की रियल घटना पर बेस्ड काल्पनिक लव स्टोरी थी. मगर शायद इसकी मेकिंग पर भी उस भयानक हादसे का कोई साया सा मंडरा रहा था, जिसमें करीब 1500 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
1995 में 'टाइटैनिक' का प्रोडक्शन शुरू हुआ था. मगर इससे करीब 15 साल पहले ही टाइटैनिक के डूबने पर बनी एक फिल्म 'Raise The Titanic' बुरी तरह फ्लॉप हो चुकी थी. 40 मिलियन डॉलर के बजट में बनी इस फिल्म ने मात्र 7 मिलियन डॉलर का बिजनेस किया था. ऐसे में टाइटैनिक की कहानी को पहले ही रिस्क की नजर से देखा जा रहा था.
जब डायरेक्टर जेम्स कैमरून ने 20th Century Fox स्टूडियो को अपनी फिल्म पिच की, तो उन्हें भी यकीन नहीं था कि ये कामयाब हो सकती है. मगर वे कैमरून के साथ आगे भी रिश्ते अच्छे रखना चाहते थे इसलिए किसी तरह राजी हो गए. इसके लिए 110 मिलियन डॉलर का सॉलिड बजट भी दिया, जो उस दौर में बहुत बड़ी बात थी. मगर कैमरून का प्लान उन्हें बाद में समझ आया, जब वो पहले असली टाइटैनिक का मलबा शूट करने पहुंच गए. फिर उन्होंने टाइटैनिक का रियल लाइफ सेट बनवा दिया.

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