छत्तीसगढ़ः नर्स ने ऑनलाइन सीखी साइन लैंग्वेज ताकि मूक बधिर कोरोना मरीजों के इलाज में हो आसानी
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छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के रेलवे अस्पताल में काम करने वालीं नर्स ने मूक बधिर कोरोना मरीजों के लिए साइन लैंग्वेज सीख ली. नर्स का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. रेलवे ने भी ट्वीट कर नर्स की सराहना की है.
कोरोना महामारी के इस दौर में डॉक्टर और नर्स ही हैं, जो हमारे लिए भगवान बनकर आए हैं. कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ये अपनी जान की परवाह किए बगैर लगातार काम कर रहे हैं. मानवीय संवेदना के साथ साथ कर्तव्य परायणता का अनूठा उदाहरण! बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के रेलवे अस्पताल में कोरोना पीड़ित मूक बधिर मरीज के लिए नर्स सुश्री स्वाति ने साइन लैंग्वेज सीखी है, ताकि मरीजों की बातों को आसानी से समझा जा सके और उनकी मदद की जा सके। pic.twitter.com/jJAoVr6C9V ऐसी ही एक नर्स हैं स्वाति, जो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के रेलवे अस्पताल में ड्यूटी कर रही हैं. यहां कोविड वार्ड में कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है. कुछ मरीज ऐसे भी हैं जो मूकबधिर हैं. ऐसे में स्वाति ने उन मरीजों से बात करने के लिए साइन लैंग्वेज सीख ली. स्वाति का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है. रेलवे ने भी ट्वीट कर स्वाति की तारीफ की है.हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.