
घर से निकलना बंद कर चुके थे महाभारत के 'कर्ण' पंकज धीर, बोले मुकेश खन्ना, हुए भावुक
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बीआर चोपड़ा की महाभारत में पंकज धीर ने कर्ण तो वहीं मुकेश खन्ना ने भीष्म पितामह का किरदार निभाया था. पंकज के निधन से मुकेश भी भावुक हो उठे हैं. अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर कर मुकेश ने पंकज से जुड़ी कुछ यादें ताजा कीं, और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
बीआर चोपड़ा की महाभारत शो में कर्ण का किरदार निभाने वाले एक्टर पंकज धीर का बुधवार को निधन हो गया. पंकज लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे, आखिरकार वो जिंदगी की जंग हार गए और अनंत यात्रा पर निकल पड़े. उनके निधन के बाद फिल्म जगत के साथ-साथ उनके फैंस और साथियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. महाभारत में भीष्म का किरदार निभाने वाले मुकेश खन्ना ने भी पंकज धीर से जुड़ी अपनी यादें शेयर कीं. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में बताया कि पंकज के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा था.
घर में बंद रहने लगे थे पंकज
वीडियो में मुकेश ने कहा कि पंकज का निधन बहुत अचानक हुआ. उन्होंने याद किया कि करीब एक साल पहले उन्होंने अपने पॉडकास्ट के लिए पंकज का इंटरव्यू किया था. उस समय पंकज इस बातचीत में हिस्सा लेना नहीं चाहते थे, क्योंकि वो “बीते समय और महाभारत” के बारे में बात नहीं करना चाहते थे. लेकिन मुकेश ने उन्हें किसी तरह मना लिया. कुछ महीने पहले मुकेश ने फिर से उनसे इंटरव्यू के लिए संपर्क किया, लेकिन उस बार पंकज ने मना कर दिया कहकर कि,''मैं घर से बाहर नहीं निकल रहा हूं'', तभी मुकेश को उनके बीमार होने का पता चला.
महाभारत के 'कर्ण' का भीष्म का सफर
महाभारत के दिनों को याद करते हुए मुकेश ने बताया कि शुरुआत में वे खुद कर्ण या अर्जुन का किरदार निभाना चाहते थे, लेकिन उन्हें भीष्म का रोल मिला. उन्होंने कहा, “भगवान ने मुझे भीष्म का रोल दिया, और मैं आज तक उसी छवि के साथ जी रहा हूं. फिर पंकज मेरे सामने कर्ण के रूप में आए.”
मुकेश ने बताया कि पंकज ने अपने करियर की शुरुआत एक असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में की थी. उन्होंने कहा, “पंकज धीर ने अपनी पहली फिल्म ‘रूहि’ में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम शुरू किया था और उस समय उन्हें सिर्फ 300 रुपये महीने की तनख्वाह मिलती थी. वे बहुत ईमानदारी और जोश के साथ काम करते थे. उनकी बोलने की शैली बहुत अच्छी थी. हमने साथ में ‘सौगंध’ और ‘पांडव’ फिल्मों में भी काम किया. वो मुझे एम.के. (MK) कहकर बुलाते थे. उन्हें खाना बहुत पसंद था, बहुत सलीके से बोलते और पहनते थे.”

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