
'गाजा बनने की कगार पर है लेबनान...', इजरायल-हिज्बुल्लाह युद्ध की कहानी अशरफ वानी की जुबानी
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27 सितंबर की रात को इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर एयरस्ट्राइक की. इस हमले में हिज्बुल्लाह चीफ नसरल्लाह मारा गया. ये वो समय था जब इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच सीधी जंग शुरू हुई. इसी युद्ध की कवरेज के लिए आजतक लेबनान में पहुंचने वाला पहला भारतीय मीडिया बना. यहां ग्राउंड जीरो से युद्ध की पल-पल की अपडेट आप तक पहुंचाई जा रही है.
लेबनान में 17 सितंबर को पेजर ब्लास्ट ने दुनियाभर में हलचल मचा दी थी. इसमें हिज्बुल्लाह के कई लड़ाके मारे गए. ये वही समय था जब इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच जंग की चिंगारी भड़क उठी थी. इसके बाद 27 सितंबर की रात को इजरायल ने लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर एयरस्ट्राइक की. इस हमले में हिज्बुल्लाह चीफ नसरल्लाह मारा गया. ये वो समय था जब इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच सीधी जंग शुरू हुई. इसी युद्ध की कवरेज के लिए आजतक लेबनान में पहुंचने वाला पहला भारतीय मीडिया बना. यहां ग्राउंड जीरो से युद्ध की पल-पल की अपडेट आप तक पहुंचाई जा रही है. इस बीच लेबनान से लौटे आजतक के संवाददाता अशरफ वानी ने इजरायल-हिज्बुल्लाह युद्ध की आंखों देखी बताई. उन्होंने बताया कि कैसे लेबनान भी गाजा की तरह युद्ध से बर्बाद होने की कगार पर है.
लेबनान का वर्तमान हाल बताते हुए अशरफ वानी ने कहा, "जब मैं लेबनान गया तो तब तक कई सारे पत्रकारों को या न्यूज चैनल्स को यह एहसास नहीं था कि यह आने वाले दिनों में बड़ी जंग बनने वाली है. लेकिन आजतक हर एक खबर को पहले ही परखता है और पहचानता है. लेबनान में जब 17 सितंबर को पेजर ब्लास्ट हुए वो किसी भी युद्ध में एक नया प्रयोग था. तो उसी दिन हम लोगों न प्लान बना लिया था कि लेबनान में बड़ा युद्ध हो सकता है और इसके लिए तैयारी करनी चाहिए. इसके बाद ही लेबनान में भी मैं पहुंचने वाला पहला भारतीय पत्रकार था. यहां तक कि वहां कई देशों के पत्रकार भी नहीं पहुंचे थे. पिछले साल भी जब 8 अक्टूबर को इजरायल-हमास का युद्ध शुरू हुआ था, तब भी सबसे पहले आजतक वहां पर पहुंचने वाला न्यूज चैनल था."
उन्होंने आगे कहा कि पिछले बार और इस बार लेबनान जाने पर फ्लाइट से मुझे ये अलग नजर आया कि बेरूत जल रहा था. जगह-जगह आग लगी थी, धुआं निकल रहा था. जबकि पिछली बार बेरूत युद्ध से अछूत था. सिर्फ इजरयाल-लेबनान सीमा के कुछ इलाके प्रभावित थे. लेकिन इस बार दक्षिण बेरूत जल रहा था. इसे दहिया जिला भी कहते हैं. ये वो हिस्सा है जो हिज्बुल्लाह का गढ़ माना जाता है. यहीं पर हिज्बुल्ला का मुख्यालय था, जिस पर इजरायल ने हमला कर नसरल्लाह को मारा. साथ ही इस इलाके में अन्य कमांडरों को भी इजरायल ने निशाना बनाया. पिछले कई सालों के दौरान दहिया जिला का काफी विस्तार हुआ है. यहां हिज्बुल्लाह की तूती बोलती है और यहां पर किसी भी काम के लिए हिज्बुल्लाह की अनुमति लेने होती है. चाहे सड़क बनानी हो या फिर इमारत.
जब ड्राइवर बोला- ये पहले वाला लेबनान नहीं है
अशरफ वानी ने आगे कहा कि जब मैंने एयरपोर्ट पर लैंड करने के दौरान धुआं देखा तो मैं बड़ा बेचैन हो गया. मुझे एयरपोर्ट पर जो मेरा ड्राइवर लेना आया, वो काफी एक्स्पर्ट था, क्योंकि उसने कई युद्ध देखे हैं. जब मैंने उससे हालत के बारे में पूछा तो उसने कहा कि ये अब वो वाला लेबनान नहीं है जिसमें आप पहले आए थे. तब सिर्फ कुछ सीमित इलाके में जंग हो रही थी. लेकिन अब कहीं पर भी इजरायल की तरफ से बेरूत में हमले हो रहे हैं. पिछली बार बेरूत में कोई हमले नहीं थे. जिस दिन मैं बेरूत पहुंचा तो दक्षिण बेरूत में उस दिन भी हमले हुए. जहां मेरा होटल था, वो सुरक्षित इलाके में था शहर के बीच लेकिन वहां भी बमबारी की आवाजें आ रही थी.

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