
खशोगी हत्याकांड के 8 साल बाद अमेरिका जा रहे MBS, जानें ट्रंप से मुलाकात में क्या होगी डील
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सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अमेरिका यात्रा में तेल, सुरक्षा, एआई तकनीक और परमाणु ऊर्जा पर बड़े समझौते की उम्मीद है. ट्रंप प्रशासन निवेश और रणनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाना चाहता है, जबकि रियाद सुरक्षा गारंटी और तकनीकी एक्सेस की उम्मीद में है. दोनों देश खाशोगी विवाद के बाद रिश्तों को नए सिरे से मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) मंगलवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं. यह यात्रा दो देशों के बीच दशकों पुराने रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है. तेल, सुरक्षा और निवेश के साथ-साथ इस बार बातचीत का दायरा व्यापार, तकनीक और संभावित रूप से परमाणु ऊर्जा तक हो सकता है.
यह MBS की 2018 के बाद पहली अमेरिका यात्रा है. तब इस्तांबुल में पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या को लेकर बड़ा अंतरराष्ट्रीय विवाद हुआ था. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने माना था कि इस ऑपरेशन की मंजूरी MBS स्तर पर हुई थी. हालांकि क्राउन प्रिंस ने इसका आदेश देने से इनकार किया था लेकिन "जिम्मेदारी" स्वीकार की थी. अब सात साल बाद दोनों देश इस मामले को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने को तैयार दिख रहे हैं.
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ट्रंप प्रशासन का फोकस मई में सऊदी अरब के 600 अरब डॉलर के निवेश वादे को आगे बढ़ाने पर है. मानवाधिकार के मुद्दे पर ट्रंप पहले की तरह चुप्पी बनाए रखने की उम्मीद है. दूसरी तरफ, MBS क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षा गारंटी चाहते हैं, साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक और एक नागरिक परमाणु कार्यक्रम पर ठोस प्रगति की तलाश में हैं.
'तेल के बदले सुरक्षा' से आगे बढ़ना चाहते हैं MBS
रक्षा सहयोग इस दौरे का सबसे बड़ा मुद्दा माना जा रहा है. अमेरिका-सऊदी संबंध लंबे समय से "तेल के बदले सुरक्षा" के फॉर्मूले पर चलते रहे हैं, लेकिन 2019 में ईरान द्वारा सऊदी ऑयल प्लांट्स पर हमले के समय अमेरिकी प्रतिक्रिया कमजोर रहने से रियाद में भरोसा डगमगा गया था.

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