
क्यों हाहाकार? 2 महीने में ही पाक-बांग्लादेश की GDP से ज्यादा भारतीय बाजार में स्वाहा, जानिए कितने डूबे
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Indian Stock Market में लगातार जारी गिरावट के चलते साल 2025 में अब तक BSE Market Cap 520 अरब डॉलर (करीब 45 लाख करोड़ रुपये) के आस-पास साफ हो गया है और ये आंकड़ा IMF द्वारा जताए गए पाकिस्तान और बांग्लादेश के जीडीपी अनुमान से भी ज्यादा है.
भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में बीते साल के अंत में शुरू हुई गिरावट का सिलसिला इस साल 2025 में भी लगातार जारी है. सरकार के तमाम बड़े ऐलान और महंगाई घटने के बावजूद Sensex-Nifty संभल नहीं पा रहे हैं. एक चौंकाने वाला आंकड़ा ये है कि इस साल के महज दो महीनों से भी कम समय में शेयर बाजार में जितना पैसा डूबा है, वो पाकिस्तान और बांग्लादेश की जीडीपी से भी ज्यादा है. भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैपिटलाइजेशन साल की शुरुआत से अब तक 520 अरब डॉलर या करीब 45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया है, ये अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा Pakistan- Bangalesh के जीडीपी अनुमान से भी ज्यादा है.
इतना घट गया BSE का मार्केट कैप शेयर बाजार में नुकसान के आंकड़ों पर गौर करें, तो बीते साल के अंत में 31 दिसंबर 2024 को BSE Market Cap 443.47 लाख करोड़ रुपये था, जो कि अब गिरकर 398.46 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है. इसमें 10 फीसदी की गिरावट आई है, जो कि 45 लाख करोड़ रुपये या 520 अरब डॉलर के आस-पास है. खासतौर पर मिडकैप और स्मॉलकैप में तगड़ी गिरावट ने शेयर बाजार को संभलने का मौका नहीं दिया है. फरवरी महीने में अब तक 26 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो चुके हैं यानी 306 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है. साल के पहले महीने में बाजार टूटने से बीएसई के मार्केट कैपिटल में आई गिरावट को जोड़कर देखें, तो 45 लाख करोड़ रुपये हो जाती है.
पाकिस्ताान-बांग्लादेश की जीडीपी से ज्यादा नुकसान भारतीय शेयर बाजार की मार्केट वैल्यू में सिर्फ दो महीने के भीतर गिरावट का ये आंकड़ा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की अनुमानित जीडीपी (Pakistan GDP) से कहीं ज्यादा है. बता दें कि IMF ने 2025 के लिए पाकिस्तान की जीडीपी के 481 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान जाहिर किया है. इसके अलावा बांग्लादेश के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान 393 अरब डॉलर है और भारतीय बाजार में डूबने वाली रकम इससे भी ज्यादा है.
पाकिस्तान और बांग्लादेश ही नहीं, भारतीय शेयर बाजार में डूबने वाली रकम का आंकड़ा मलेशिया, नॉर्वे, फिलीपींस और विएतनाम के लिए आईएमएफ द्वारा जताए गए GDP Forecast से भी अधिक है.
विदेशी निवेशकों जापान-चीन की ओर भागे भारत में बाजार में तेज गिरावट ऐसे समय में देखने को मिल रही है, जबकि विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों के प्रति बेरुखी का रुख अपनाए हुए हैं और जापान व चीन जैसे बाजारों में निवेश बढ़ा रहे हैं, जो भारत की तुलना में अपेक्षाकृत सस्ती वैल्यूएशन के चलते आकर्षक बन रहे हैं. बोफा सिक्योरिटीज फंड मैनेजमेंट के मासिक सर्वे में भी सामने आया है कि भारत फरवरी 2025 में ग्लोबल फंडों द्वारा दूसरा सबसे कम पसंदीदा शेयर बाजारों में रहा है. इसमें बताया गया कि कुल 19 फीसदी फंड अंडरवेट रहे. थाईलैंड इस मामले में सबसे ऊपर रहा, 22 फीसदी फंड अंडरवेट थे.













