
क्या अब ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशन के दौरान सऊदी भी पाकिस्तान की ओर से लड़ेगा जंग? सिक्योरिटी गारंटी डील से क्या बदलेगा
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पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ हुए इस डिफेंस डील की जोर-शोर से चर्चा कर रहा है. इस डील का सार यह है कि अगर इन दोनों देशों में से किसी एक पर भी हमला होता है तो इसे NATO की तर्ज पर दोनों देशों पर हमला माना जाएगा और इसका संयुक्त प्रतिरोध किया जाएगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ 17 सितंबर को जब सऊदी अरब के एयरस्पेस में पहुंचे तो उन्हें शाही एस्कॉर्ट मिला. सऊदी फाइटर जेट F-15 उनका स्वागत करने के लिए आए. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने एक्स पोस्ट पर बड़े गर्व से इसकी चर्चा की है. अब पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक ऐसा रक्षा समझौता किया है, जिसकी चर्चा भारत समेत पूरी दुनिया में है.
एक स्थिति पर गौर करते हैं. मान लिया जाए कि अगर पाकिस्तान भारत की जमीन पर पहलगाम जैसे किसी आतंकी हमले को अंजाम देने का दुस्साहस करता है. भारत पहले ही पाकिस्तान समर्थित किसी भी आतंकी घटना को 'एक्ट ऑफ वॉर' यानी कि युद्ध की कार्रवाई मानने की घोषणा कर चुका है. इस पाकिस्तानी दुस्साहस के जवाब में भारत आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर जैसा कोई सैन्य अभियान शुरू करता है और पाकिस्तान में छिपकर बैठे दहशतगर्दों का सफाया कर देता है. पाकिस्तान अपनी पुरानी नीति के तहत इसे अपने ऊपर हमला मानता है और भारत पर जबाही हमला करने की हिमाकत करता है?
तो क्या ऐसी किसी स्थिति में सऊदी अरब भी पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ जंग लड़ेगा? सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुआ नया सिक्योरिटी गारंटी तो यही कहता है. इसके मुताबिक पाकिस्तान या सऊदी अरब में से किसी के ऊपर भी कोई हमला होता है तो इसे दोनों पर ही हमला माना जाएगा और फिर ये दोनों देश मिलकर इस हमले का जवाब देंगे.
सऊदी अरब के दौरे पर आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को रियाद में इसी समझौते पर हस्ताक्षर किया है. पाकिस्तान इसे अपनी बड़ी कूटनीतिक जीत बता रहा है. इस समझौते का नाम 'स्ट्रैटेजिक म्युच्युल डिफेंस एग्रीमेंट' है. इस एग्रीमेंट का मूल वाक्य है- किसी भी देश पर किये गए आक्रमण को दोनों के विरुद्ध आक्रमण माना जाएगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब की राजधानी रियाद के यमामा पैलेस में एक बैठक के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणा की गई.
बयान में कहा गया है, "यह समझौता, जो दोनों देशों की अपनी सुरक्षा बढ़ाने और क्षेत्र व विश्व में सुरक्षा एवं शांति स्थापित करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के पहलुओं को विकसित करने और किसी भी आक्रमण के विरुद्ध संयुक्त प्रतिरोध (Joint deterrence against any aggression) को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है."

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