केरल में CM विजयन दोबारा आ सकते हैं तो शैलजा क्यों नहीं?
The Quint
Shailaja removal from cabinet: शैलजा ने बहुत शानदार तरीके से कोविड-19 और निपा वायरस जैसी महामारियों को काबू किया है. Shailaja’s excellent handling of both, the COVID-19 and the Nipah virus outbreaks. And yet, it appears that ‘Teacher
18 मई को जब कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के नेता पिनराई विजयन ने अपनी कैबिनेट को चुना तो एक झटका लगा- पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा तस्वीर से गायब थीं. माकपा ने इसका तर्क यह दिया कि पार्टी ने कैबिनेट में नई टीम को उतारने का फैसला किया और इसी वजह से शैलजा उसमें शामिल नहीं हैं. लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि पिनराई विजयन को दूसरी बार भी मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल रहा है.फिर शैलजा क्यों नहीं, जिन्हें हाल तक ‘रॉकस्टार’ हेल्थ मिनिस्टर कहा जाता था?2021 के चुनावों में शैलजा ने मत्तानूर विधानसभा सीट को 58,812 वोटों के अंतर से जीता था. यह पिनराई विजयन के जीत के अंतर से ज्यादा था. धरमादम विधानसभा क्षेत्र पर विजयन का जीत का अंतर 48,051 वोट थे.इसके अलावा शैलजा की लोकप्रियता का परचम ऊंचा लहरा रहा है. उन्होंने बहुत शानदार तरीके से कोविड-19 और निपा वायरस जैसी महामारियों को काबू किया है. लेकिन फिर भी ‘टीचर’, जैसा कि उन्हें कभी साइंस टीचर होने के नाते स्नेह से बुलाया जाता है, को नकार दिया गया- वह भी तब, जब वह बेहतरीन काम कर रही थीं.वैसे केरल की मौजूदा कैबिनेट में माकपा की दो महिला नेता हैं- थ्रिसूर की मेयर आर बिंदु और विधायक वीना जॉर्ज. फिर भी यह सवाल खड़ा होता है कि पिनराई विजयन अपने उन पूर्व मंत्रियों को ईनाम क्यों नहीं देना चाहते जो लोकप्रिय हैं और अपने काम और चुनावों, दोनों में खरे उतरे हैं.और कई नेता भी किनारे लगाए गएइस सवाल का जवाब आपको थॉमस इसाक के जरिए मिल सकता है.केरल के पूर्व वित्त मंत्री और माकपा नेता को इन विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया गया. वह एक अच्छे नेता हैं और राष्ट्रीय मीडिया में काफी लोकप्रिय भी. पर उन्हें चुनाव लड़ने नहीं दिया गया क्योंकि माकपा ने फैसला किया था कि कैबिनेट में दो बार चुने जाने वाले नेताओं को 2021 के विधानसभा चुनावों में खड़ा नहीं किया जाएगा.लेकिन पिनराई विजयन खुद अपवाद बन गए. वह 1996 और 1998 के बीच बिजली और सहकारिता मंत्री रहे और फिर 2016 में धरमादम से चुने जाने के बाद केरल के 12वें मुख्यमंत्री बने.इस तरह 2021 में उन्होंने तीसरी बार चुना लड़ा और लगातार दूसरी बार धरमादम सीट पर जीत हासिल की. इसके बाद माकपा ने उन्हें विधानसभा में पार्टी का नेता चुना और मुख्यमंत्री नामजद कर दिया.राजनैतिक पर्यवेक...More Related News