किशोर कुमार के गीत जब संजय गांधी के हुक्म के बाद आकाशवाणी पर नहीं बजते थे - विवेचना
BBC
साल 1975 में इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी ने बंबई के मशहूर फ़िल्मकारों को म्यूज़िकल नाइट में भाग लेने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया था लेकिन उसमें किशोर कुमार नहीं गए. आज किशोर कुमार की 35वीं पुण्यतिथि है.
किशोर कुमार के बारे में एक क़िस्सा मशहूर है कि वह खंडवा से बंबई अभिनेता बनने आए थे. उस समय उनके बड़े भाई अशोक कुमार बंबई फ़िल्म उद्योग के चोटी के अभिनेता थे.
एक बार वो अशोक कुमार के बॉम्बे टॉकीज़ वाले दफ़्तर गए. उस दफ़्तर के अहाते में वो सहगल का एक गाना गुनगुना रहे थे कि मशहूर संगीतकार खेमचंद प्रकाश 'ज़िद्दी' फ़िल्म की धुन पर काम करने के बाद थोड़ा आराम करने के लिए बाहर निकल आए.
जैसे ही उन्होंने किशोर को गुनगुनाते सुना उन्होंने उनसे अंदर आकर मिलने के लिए कहा. जब वो अंदर आए तो उन्होंने उनके सामने हारमोनियम रखा और वो गीत गाने के लिए कहा जो वो बाहर गा रहे थे.
थोड़ी देर सुनने के बाद उन्होंने किशोर को ऑफ़र किया कि क्या वो उनकी फ़िल्म 'ज़िद्दी' के लिए गाना गाएंगे?
किशोर इसके लिए तुरंत तैयार हो गए. जिस दिन रिकॉर्डिंग थी, खेमचंद ने अशोक कुमार और फ़िल्म के हीरो देवानंद को किशोर कुमार को सुनने के लिए बुलवा भेजा. पहले ही दिन किशोर का गाना ओके कर दिया गया. साल था 1948.