कांगो में UN पीसकीपिंग का हिस्सा बनी भारतीय सेना के जवानों ने विद्रोहियों के हमले को किया नाकाम
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कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में शामिल भारतीय सेना के जवानों पर विद्रोहियों ने हमला कर दिया. जैसे ही हमला हुआ भारतीय सैनिकों ने ना केवल डटकर मुकाबला किया बल्कि विद्रोहियों को खदेड़ भी दिया.
अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में विद्रोहियों ने संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के भारतीय जवानों पर हमला कर दिया. यह हमला 22 मई को अचानक किया गया था.
इस हमले के दौरान विद्रोहियों ने गोलाबारी की और संयुक्त राष्ट्र और कांगो आर्मी की ठिकानों पर कब्जा करने की कोशिश की. MONUSCO में भारतीय सेना की एक टुकड़ी भी शांति-मिशन के तहत शामिल थी. जैसे ही हमला हुआ भारतीय सैनिकों ने ना केवल डटकर मुकाबला किया बल्कि विद्रोहियों को खदेड़ भी दिया. इस जवाबी कारवाई में भारतीय सेना की मदद, दूसरे देशों के सैनिकों ने भी की जो इस शांति मिशन का हिस्सा है. MONUSCO के मुताबिक, विद्रोहियों के खिलाफ दो अटैक हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया.
UNSC ने जारी किया बयान
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 24 मई को हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया और इसे "शांति सैनिकों को निशाना बनाकर जानबूझकर हमला" बताया है. इसमें कहा गया है कि इस तरह के हमले अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध अपराध हो सकते हैं. सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने कांगो के अधिकारियों से ऐसे हमलों की जांच करने के लिए भी कहा है. साथ ही UNSC ने अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने और संबंधित सैन्य योगदान देने वाले देश को प्रगति से अवगत कराने के लिए भी कहा है.
संयुक्त राष्ट्र के आदेश के अनुसार, भारतीय सैनिक संघर्षग्रस्त क्षेत्र में शांति बहाल करने में अपना योगदान दे रहे हैं. कांगो में जिस तरह शांतिरक्षक सैनिकों पर हमले हो रहे हैं उन्हें देखते हुए उनकी आम नागरिकों की रक्षा करने की क्षमता पर ही सवाल उठाए जाने लगे हैं.
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