कभी पीएम की हत्या, कभी पूर्व पीएम को फांसी! अंधेरे से भरा पाकिस्तानी लोकतंत्र का इतिहास
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14 अगस्त 1947 को एक देश के रूप में पाकिस्तान का जन्म तो हुआ लेकिन वहां लोकतंत्र कभी जवान नहीं हो सका. इतिहास रहा है कि पाकिस्तान का ज्यादातर वक्त सैन्य शासन के तले गुजरा है. पाकिस्तान के लोकतंत्र का इतिहास अंधेरे से भरा है और भविष्य उससे भी ज्यादा अंधकारमय दिखाई दे रहा है. इस घोर अंधेरे के दौर में अगर किस्मत चमक तो सिर्फ फौज के प्रमुखों और बड़े अफसरों की. इन अफसरों ने पाकिस्तान की सत्ता पर प्रत्यक्ष और परोक्ष अधिकार जमाकर अकूत दौलत कमाई. पाकिस्तान गरीबी के चक्की पीसता रह गया और फौजी अफसर एलीट बनकर विदेशों में बस गए.
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