ऑस्कर जीतने की दहलीज पर खड़े 'नाटू नाटू' को भारतीयता का परफेक्ट सेलिब्रेशन बनाती हैं ये 5 चीजें!
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RRR का गाना 'नाटू नाटू' ऑस्कर अवार्ड्स 2023 की रेस में शामिल है. 'बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग' की कैटेगरी में नॉमिनेशन पाने वाले इस गाने को ऑस्कर मिलता देखने के लिए इंडियन जनता आस लगाए बैठी है. RRR की ग्लोबल पॉपुलैरिटी के साथ 'नाटू नाटू' को भी पूरी दुनिया ने पसंद किया है. ये गाना उन चीजों और फीलिंग्स का एक परफेक्ट कॉम्बिनेशन है जिन्हें हम भारतीय खूब एन्जॉय करते हैं.
RRR अब सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर बेहद कामयाब फिल्म नहीं रही, बल्कि दुनिया भर में भारत की एक और नई पहचान बन गई है. भारतीय सिनेमा के जीनियस डायरेक्टर एसएस राजामौली की इस फिल्म ने पिछले कुछ महीनों में दुनिया भर की ऑडियंस, फिल्म क्रिटिक्स और सिनेमा लवर्स का दिल जीता है. ऑस्कर में 'इंटरनेशनल फीचर फिल्म' की कैटेगरी में भारत की तरफ से RRR को नहीं चुना गया. लेकिन RRR के मेकर्स ने इंटरनेशनल तारीफ को देखते हुए, अपनी फिल्म के लिए खुद ऑस्कर कैम्पेन शुरू किया.
अब ऑस्कर्स की सेरेमनी को बस दो दिन बचे हैं और RRR का गाना 'नाटू नाटू' इन अवार्ड्स की 'ऑरिजिनल सॉन्ग' कैटेगरी में टॉप 5 में है. एमएम कीरावानी का कम्पोज किया हुआ और चंद्रबोस का लिखा 'नाटू नाटू', अपनी कैटेगरी में ऑस्कर जीतने का एक मजबूत दावेदार है. दुनिया के सबसे बड़े सिनेमा अवार्ड्स में इस गाने का जीतना सिर्फ भारत के लिए एक ऑस्कर ट्रॉफी ही नहीं लेकर आएगा. 'नाटू नाटू' को अगर आप डिटेल में देखें, तो इस गाने में हर वो फीलिंग, हर वो धागा है जिसे 'भारतीयता' से जोड़कर देखा जाता है. आइए बताते हैं कैसे... सिचुएशन और इतिहास ब्रिटिश राज में भारत की जनता ने जो कुछ झेला उसकी गवाही देने के लिए तो पूरा इतिहास मौजूद है. RRR में 'नाटू नाटू' शुरू होने से ठीक पहले की सिचुएशन देखिए. भीम (जूनियर एनटीआर) और राम (राम चरण), जेनी (ऑलिविया मॉरिस) के इनविटेशन पर ब्रिटिश छावनी में पार्टी अटेंड करने पहुंचे हैं. आदिवासी इलाके से आने वाला भीम, अंग्रेजों का डांस तो नहीं समझता लेकिन म्यूजिक की बीट्स पर उसके पांव थिरकने लगते हैं. जेनी उसे डांस सिखा रही है. उसका ब्रिटिश साथी जेक, धोखा करते हुए टांग अड़ा कर भीम को गिरा देता है और 'देसी गंवार अनपढ़' कहकर उसे भरी महफिल में जलील कर रहा है.
चमड़ी के रंग से लेकर रहन-सहन के तरीकों तक को नीचा दिखा रहा जेक सारी हदें पार करता जा रहा है. ये सीन देखकर अंग्रेजों की इस पार्टी में वेटर बने दो हिंदुस्तानी लगने वाले आदमी भी सर झुकाए खड़े हैं. और पार्टी के म्यूजिक ऑर्केस्ट्रा में ड्रम्स बजा रहा एक अश्वेत आदमी बहुत शर्मिन्दा हो रहा है. इतिहास में दर्ज है कि ब्रिटिश शासन के कोलोनियल एजेंडा ने सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं, अफ्रीका के देशों को भी चपेट में लिया था.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम से अफ्रीकी देशों ने भी खूब प्रेरणा ली और कोलोनियल शासन से लड़े. 'नाटू नाटू' के पूरे सीक्वेंस में ड्रम्स बजाने वाला अश्वेत व्यक्ति इसी का एक रेफरेंस है. वो ताल दे रहा है और दोनों भारतीय हीरो ताबड़तोड़ डांस कर रहे हैं. यहां से 'नाटू नाटू' सिर्फ एक गाना नहीं बचता, एक युद्ध बन जाता है. बस इसमें तलवार-गोलियां नहीं, डांस कॉम्पिटिशन चल रहा है.
यहां 'नाटू नाटू' का असर कुछ उस तरह का हो जाता है जैसा मनोज कुमार के गाने 'है प्रीत जहां की रीत जहां' में था. 'नाटू नाटू' सिर्फ एक गाना नहीं एक पूरा सीक्वेंस है जिसे डायरेक्टर एसएस राजामौली ने अपने ट्रेडमार्क परफेक्शन से तैयार किया है.
म्यूजिक मोहल्ले में किसी अनजाने आदमी की बारात गुजरती है, और ढोल की आवाज पर लोग घर में बैठे थिरकने लगते हैं. इंडिया में लोग ढोल, ढोलक, तबला किसी भी थाप वाले इंस्ट्रूमेंट यानी ड्रम्स की साउंड के दीवाने होते हैं. RRR में म्यूजिक देने वाले एम एम कीरावानी ने 'नाटू नाटू' में ड्रम्स जिस तरह इस्तेमाल किए हैं, वो अद्भुत है. हिन्दुस्तानी जनता का ड्रम्स के लिए प्यार 'नाटू नाटू' में खुलकर सुनाई देता है.