एयर इंडिया को सरकार ने कहा 'टाटा', 68 साल बाद हो रही 'घर वापसी'
The Quint
Tata Group Re-Acquires Air India History: एयर इंडिया टाटा ग्रुप की होने जा रही है. टाटा ग्रुप ने Air India की बोली जीत ली है. Air India is going to be of Tata Group. Tata Group has won the bid for Air India.
एयर इंडिया (Air India) को सरकार ने 'टाटा' कह दिया है. या कहें एयर इंडिया की 'घर वापसी' हो गई है. दरअसल, सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया टाटा ग्रुप की होने जा रही है. टाटा ग्रुप ने Air India की बोली जीत ली है. एयर इंडिया की 'घर वापसी' से मतलब है कि 68 साल बाद एयर इंडिया फिर से टाटा की होने वाली है. साल 1953 में भारत सरकार ने टाटा संस से एयर इंडिया में मालिकाना हक खरीद लिया था. क्या है पूरी कहानीसाल 1930 में एयर इंडिया को टाटा ग्रुप ने शुरू किया था. टाटा ग्रुप के मालिक या कहें फाउंडर जेआरडी टाटा पायलट थे. जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा के नेतृत्व जब टाटा ने एयरलाइन कंपनी की शुरुआत की तब इसका नाम टाटा एअर सर्विस रखा गया. बिजनेस टाइकून जेआरडी टाटा भारत के पहले लाइसेंस प्राप्त पायलट थे, एयरलाइन ने अपनी पहली उड़ान 15 अक्टूबर 1932 को भरी थी.साल 1932 में टाटा ने कराची (जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है) से बॉम्बे के लिए एक एयर मेल ले जाने वाला एयरक्राफ्ट उड़ाया. यह एयरक्राफ्ट मद्रास तक गया था. शुरुआत में, कंपनी ने हफ्ते में एक दिन एयर मेल सर्विस शुरू की, जो कराची और मद्रास के बीच और अहमदाबाद और बॉम्बे के जरिए चलती थी. इसके बाद 1938 में कंपनी ने अपनी डोमेस्टिक फ्लाइट्स शुरू कर दी. भारत सरकार का मालिकाना हक1946 में, टाटा एयरलाइंस को एयर इंडिया के रूप में फिर से नामित किया गया था, और इसे एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया.लेकिन आजादी के बाद भारत सरकार को एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई, जिसे देखते हुए भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. भारत सरकार ने 1948 में एयरलाइन कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी.साल 1953 में, भारस सरकार एयर कॉरपोरेशन एक्ट लेकर आई. जिसके जरिए भारत सरकार ने टाटा संस से एयरलाइन का मालिकाना हक ले लिया. हालांकि, जेआरडी टाटा 1977 तक चेयरमैन के तौर पर बने रहे. इसके बाद साल 1962 में एयरलाइन के नाम को आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया कर दिया गया.टाटा के पास कैसे वापस आई एयर इंडियाबता दें कि साल 2007 में एयर इंडिया और इंडियन एयरालइंस को एयर इंडिया लिमिटेड में मर्जर किया गया. इसके बाद साल 2017 में केंद्रीय कैबिनेट ने एयर इंडिया के निजीकरण को मंजूरी दी. हालांकि साल 2018 में एयर इंडिया को बेचने की कोशिश की गई, जो असफल रही. लेकिन इसके बाद A...