
एक्टर्स को मिल रही भारी फीस से नाराज हैं सुभाष घई, बोले, 'फिल्म के बजट का 70% पैसा...
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बॉलीवुड फिल्ममेकर सुभाष घई ने एक्टर्स को मिल रही भारी-भरकम फीस पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि एक्टर्स को आजकल फिल्म के बजट के 70% पैसे फीस के तौर पर मिलते हैं. उन्होंने इस चलन का जिम्मेदार कॉर्पोरेट कल्चर को ठहराया है.
बॉलीवुड में पिछले काफी समय से एक डिबेट बहुत गरमाई रहती है. फिल्ममेकर्स और क्रिटिक्स के मन में एक्टर्स को ज्यादा पे-चेक मिलने का सवाल उमड़ता रहता है. उनका मानना है कि आजकल एक्टर्स फिल्म के बजट का पैसा मांगते हैं जिससे बिजनेस पर काफी असर पड़ता है. कई सारे प्रोड्यूसर्स ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी, जिसमें से ज्यादातर का यही मानना था कि एक्टर्स की बढ़ती फीस एक चिंता का विषय है.
स्टार्स को मिलने लगे फिल्म के बजट जितने पैसे
फिल्ममेकर सुभाष घई ने भी हाल ही में एक इंटरव्यू में स्टार्स को ज्यादा फीस मिलने के मुद्दे पर अपनी राय रखी है. उन्होंने इंडस्ट्री में मौजूद कॉर्पोरेट कंपनीज को इसका कसूरवार ठहराया है जिन्होंने इस चलन की शुरुआत की. सुभाष घई ने तंज कसते हुए कहा, 'जब आप एक फिल्म 100 रुपये में बना सकते हो लेकिन उसे आप 1000 रुपये में बनाते हैं, तो याद रखिए उन बचे हुए 900 रुपये में से बहुत लोग अपना मतलब ढूंढने लग जाते हैं.'
'आज सभी जगह अलग-अलग डिपार्टमेंट्स बन गए हैं जिसके कारण उनके अपने मुद्दे बन गए हैं. किसी का मकसद ये नहीं है कि छोटे बजट में बड़ी फिल्म बनाएं. पहले हमारी सोच होती थी कि छोटे बजट में फिल्में बनाएंगे. हमने कभी एक स्टार को फिल्म के बजट का 10-15% से ज्यादा नहीं दिया. आज आप देखिए उन्हें उसका 70% मिलता है. ये ट्रेंड फिल्ममेकर्स ने नहीं कॉर्पोरेट्स ने शुरू किया, जबसे उनके हाथ में बिजनेस आया, उन्होंने ये चलन शुरू किया क्योंकि उन्हें अपनी बैलेंस शीट आगे स्टॉक एक्सचेंज में दिखानी होती है.'
'फिल्म भगवान है'
सुभाष घई ने आगे अपनी कॉर्पोरेट कंपनी 'मुक्ता आर्ट्स' को खड़ा करने की भी वजह बताई. उन्होंने कहा, 'मैंने मुक्ता आर्ट्स इस वजह से बनाई थी क्योंकि मैं एक अनुशासन लाना चाहता था. हमने कुल 43 फिल्में बनाई हैं लेकिन उसमें से एक भी ओवरबजट नहीं गई. हर फिल्म से हमें फायदा हुआ क्योंकि हमने अपने बजट के मुताबिक बनाई थी. हर राइटर को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बजट सबकुछ होता है.'

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