
ईरान-इजरायल संघर्ष के बीच उठता बड़ा सवाल! खामेनेई एतिकाफ बैठे थे या बंकर में छिपे थे?
AajTak
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के ठिकाने के बारे में एक अहम सवाल सामने आया है. यह भी अनुमान लगाए गए कि वे बंकर में छिपे हुए थे.
ईरान और इजरायल के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इस संघर्ष के दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के ठिकाने के बारे में एक अहम सवाल सामने आया है. कुछ लोगों के द्वारा दावा किया गया कि वो किसी बंकर में छिपे हुए थे क्योंकि इजरायल के आक्रामक हवाई हमलों के बाद उन्हें अपनी जान का डर था. यह भी सामने आया है कि क्या वो एतिकाफ़ की आध्यात्मिक साधना में लगे हुए थे, जो एक प्राचीन इस्लामी परंपरा है?
आध्यात्मिक एकांत या सामरिक पलायन?
तमाम तरह की अफवाहों के बीच कुछ स्थानीय सूत्रों ने दावा किया है कि अयातुल्ला खामेनेई रविवार को हजरत अली बिन मूसा अल-रजा के पवित्र मकबरे में एक मजहबी प्रोग्राम में भाग ले रहे थे, जो मशहद के आध्यात्मिक वातावरण में आयोजित वार्षिक समारोह का एक हिस्सा था. सूत्रों के मुताबिक, खामेनेई एतिकाफ़ बैठे थे. एतिकाफ़ एक तरह का एकांत का प्रोसेस होता है और दौरान इबादत की जाती है. इसको मुसलमान खास तौर से रमजान के दौरान करते हैं. खामेनेई के ठिकाने का सवाल न केवल इसके सियासी तौर से अहम है, बल्कि यह प्रतीकात्मक मूल्य की भी एक वजह है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि उन्हें एक लचीले आध्यात्मिक नेता या या बढ़ते क्षेत्रीय तनावों के बीच एक सतर्क राजनीतिक व्यक्ति के रूप में देखा जाता है.
यह भी पढ़ें: अंडरग्राउंड मिसाइल ठिकाने, एयरबेस और... इजरायल के टारगेट पर होंगे ईरान के ये ठिकाने?
एतिकाफ़ एक गहन आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसमें दुनियावी मसलों में पड़े बिना, नमाज, दुआ और चिंतन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मस्जिद या किसी अन्य एकांत वाली जगह में वक्त बिताना शामिल है. आम तौर पर इसे रमजान के आखिरी दस दिनों में किया जाता है. इसे किसी भी वक्त किया जा सकता है, जिससे यह नमाजी-परहेजी मुसलमानों के लिए एक ‘मुस्तहब’ (अनुशंसित) कार्य बन जाता है. इस सिलसिले में खामेनेई की इस तरह की रस्म में भागीदारी क्षेत्रीय संघर्ष की उथल-पुथल के बीच आस्था और व्यक्तिगत भक्ति पर उनके ध्यान को प्रदर्शित करेगी. फिर भी, आलोचकों के लिए, ऐसा वक्त भी सवाल उठाता है.
क्षेत्रीय तनाव के बीच खामेनेई की भूमिका

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.






