
इराक से सीरिया में दागे गए अमेरिकी सैन्य अड्डे पर दनादन रॉकेट, एक दिन पहले ही बाइडेन से मिले थे इराकी PM
AajTak
ये हमला ऐसे समय पर किया गया है, जब एक दिन पहले ही इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी अमेरिका के दौरे से स्वदेश लौटे हैं. उन्होंने इस दौरे पर व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी.
वैश्विक उथल-पुथल के बीच दुनिया के कई मोर्चों पर जंग लड़ी जा रही हैं. मिडिल ईस्ट में स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है. ऐसे में इराक से सीरिया में अमेरिकी सैन्यअड्डे पर रॉकेट दागे गए हैं.
ये हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब एक दिन पहले ही इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी अमेरिका के दौरे से स्वदेश लौटे हैं. उन्होंने इस दौरे पर व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी.
सूत्रों के मुताबिक, सीरिया की सीमा से सटे इराक के शहर जुम्मार में एक छोटे ट्रक पर एक रॉकेट लॉन्चर को तैनात किया गया और उसी से अमेरिकी सैन्यअड्डे को निशाना बनाकर पांच रॉकेट दागे गए. इस दौरान जिस ट्रक पर रॉकेट लॉन्चर रखा हुआ था. उसमें विस्फोट हो गया. कहा जा रहा है कि ट्रक को निशाना बनाकर एयरस्ट्राइक की गई थी, जिसमें अमेरिकी युद्धविमान के शामिल होने का अंदेशा जताया जा रहा है.
एक सैन्य अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते कि अमेरिकी एयरस्ट्राइक की वजह से ट्रक में विस्फोट हुआ. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में इराकी सुरक्षाबल तैनात हैं, जिन्होंने मामले में दोषियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.
कहा जा रहा है कि इराक की सीमा से अमेरिकी सैन्यअड्डे पर रॉकेट दागने के बाद हमलावर किसी अन्य वाहन से फरार हो गए थे. ये हमला इराक के आतंकी समूह ने किया. इस समूह का कहना है कि वह सीरिया में अमेरिकी सैन्यबेस पर इसी तरह के हमले करना जारी रखेगा. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के निदेशक रमी अब्देल रहमान ने कहा कि इराक की सीमा से सीरिया में अमेरिकी सैन्यबेस पर कई रॉकेट दागे गए हैं.
एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि बमबारी की चपेट में आए ट्रक को कब्जे में ले लिया गया है. शुरुआती जांच से पता चला है कि इसे एयरस्ट्राइक में ही नष्ट किया गया. बता दें कि इससे पहले शनिवार तड़के एक मिलिट्री बेस पर विस्फोट हुआ था, जिसमें एक इराकी सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई थी.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







