
'अगर 2022 में व्हाइट हाउस में होते ट्रंप तो...', यूक्रेन युद्ध को लेकर अलास्का मीटिंग में ऐसा क्यों बोले पुतिन
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में पहली मुलाकात बिना किसी शांति समझौते के खत्म हुई. पुतिन ने कहा कि अगर ट्रंप 2022 में सत्ता में होते तो यूक्रेन युद्ध शुरू ही नहीं होता. दोनों नेताओं ने बातचीत को सकारात्मक बताया और भविष्य में मॉस्को में अगली बैठक की संभावना जताई.
यूक्रेन में जंग खत्म करने को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पहली मुलाकात अलास्का में हुई. इस हाई-प्रोफाइल समिट पर दुनिया की नजर थी. मुलाकात के बाद भी यूक्रेन युद्ध को खत्म करने या रोकने पर कोई समझौता नहीं हो पाया. बैठक के दौरान पुतिन ने कहा कि अगर 2022 में ट्रंप व्हाइट हाउस में होते तो यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता.
यूक्रेन में जंग को लेकर पुतिन से जब उनके पिछले दावों पर सवाल किया गया कि क्या सिर्फ ट्रंप के व्हाइट हाउस में होने भर से वह जंग नहीं करते? तो इस पर पुतिन ने जवाब दिया, "आई कैन कन्फर्म दैट" और ये कि अगर ट्रंप होते तो यूक्रेन पर हमला नहीं किया जाता.
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व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का को बैठक का सही जगह बताते हुए कहा, "यह हमारे देशों के साझा इतिहास को देखते हुए एक लॉजिकल वेन्यू है." उन्होंने कहा कि अब मॉस्को और वॉशिंगटन के बीच "बहुत अच्छे डायरेक्ट कॉन्टैक्ट्स" स्थापित हो गए हैं, जबकि पहले का समय बहुत मुश्किल था.
रूस ईमानदारी से जंग खत्म करना चाहता है- पुतिन
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "स्थिति को सुधारना जरूरी था. हम हमेशा याद रखेंगे कि हमारे देश कॉमन एनिमीज के खिलाफ साथ लड़े थे. यही हेरिटेज हमें भविष्य में मदद करेगा." दोनों नेताओं की बैठक यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने को लेकर हुई, और पुतिन ने ट्रंप की "कंफ्लिक्ट की एसेंस को समझने की इच्छा" की तारीफ की. उन्होंने कहा कि रूस ईमानदारी से युद्ध खत्म करना चाहता है लेकिन इसके लिए "रूट कॉजेस" को दूर करना जरूरी है और रूस की चिंताओं को ध्यान में रखना होगा.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







