
'अंजू को देख और भी अपनाएं इस्लाम...' PAK स्टार कंपनी के मालिक ने गिफ्ट किया प्लॉट, घर बैठे सैलरी देने का भी ऐलान
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Anju aka Fatima: निकाह के बाद अब अंजू उर्फ फातिमा और नसरुल्ला को तोहफे मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है. परिजनों और रिश्तेदारों के बाद अब पाकिस्तानी की राजधानी इस्लामाबाद से जाकर एक बड़े बिजनेसमैन ने भी अंजू को कीमती प्लॉट का तोहफा दिया है. इसका मकसद बिजनेसमैन ने दूसरे धर्म के लोगों को इस्लाम की ओर आकर्षित करना बताया है.
पाकिस्तान के एक बिजनेसमैन ने अंजू से फातिमा बनी भारतीय महिला को गिफ्ट में प्लॉट (भूखंड) भेंट किया है. साथ ही मदद के तौर पर एक चेक भी सौंपा है. हालांकि, चेक में कितने पाकिस्तानी रुपए अंकित हैं, इसका जिक्र नहीं है. राजधानी इस्लामाबाद से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में नसरुल्ला के घर तोहफा लेकर पहुंचे बिजनेसमैन ने अंजू उर्फ फातिमा को अपनी कंपनी में भी नौकरी देने का वादा किया है.
पाक स्टार ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ मोहसिन खान अब्बासी ने कहा कि दूसरे मुल्क से आई महिला ने इस्लाम को अपनाया है. इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उसको किसी भी तरह की दिक्कत न हो. पाकिस्तान में कोई कमी महसूस न हो.
बिजनेमैन अब्बासी ने बताया कि उनकी पाक सिटी कंपनी रियल एस्टेट के क्षेत्र में काम करती है. हमारे बोर्ड मेंबर्स ने तय किया कि अंजू उर्फ फातिमा को शहर में 10 मरला (272.251 वर्ग फीट) साइज का प्लॉट घर के लिए दिया जाए. इसके साथ ही पाकिस्तान में भारतीय महिला के दस्तावेजों की कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही उसे पाक स्टार ग्रुप नौकरी भी देगा और साथ ही घर बैठे सैलरी देगा.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के ऊपरी दीर जिले पहुंचे बिजनेसमैन अब्बासी ने इस्लाम के अंदर दाखिल होने पर ईसाई महिला अंजू का तहेदिल से इस्तकबाल किया. उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से भी अंजू और नसरुल्ला की फैमिली को सपोर्ट करने की गुहार लगाई.
यही नहीं, बिजनेसमैन अब्बासी ने पाकिस्तान के दूसरे अमीर लोगों से भी अंजू को तोहफे देने की गुजारिश की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भी बहुत पैसे वाले लोग हैं. उनको भी मदद के लिए आगे आना चाहिए.
मोहसिन खान अब्बासी ने आगे कहा कि भारत से अपना घर-बार छोड़कर पाकिस्तान आई और मुस्लिम बनी अंजू उर्फ फातिमा को अच्छा महसूस कराने की कोशिश की जाए ताकि अंजू को देखकर दूसरे लोग इस्लाम अपनाएं. उन्होंने पाकिस्तान के जिम्मेदार लोगों से गुजारिश करते हुए उसे कभी यह महसूस न हो कि किस मुल्क में आ गई, या फिर कभी ऐसा न लगे कि कैसे मजहब में आ गई, जहां कोई अपना नहीं है. देखें Video:-

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