
Ukraine Russia War: कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रहे पुतिन? यूक्रेन से जंग में किसी भी हद तक जाएंगे
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Ukraine Russia War: क्या यूक्रेन के साथ जारी जंग को जीतने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन किसी भी हद तक जा सकते हैं? उन्हें जाननेवालों से लेकर दुनिया के पांच देशों की टॉप खुफिया एजेंसियों के संगठन यानी 'फाइव आइज' की एक रिपोर्ट कुछ ऐसा ही कहती है. इन एजेंसियों ने अपनी रिसर्च में पाया है कि शायद पुतिन कैंसर जैसी किसी घातक बीमारी से पीड़ित हैं.
क्या रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन मानसिक असंतुलन की वजह से किसी भी हद तक जा सकते हैं? शायद व्लादिमिर पुतिन कैंसर जैसी किसी घातक बीमारी का शिकार हैं, जिसके लिए वो लंबे समय से स्टेरॉयड ट्रिटमेंट ले रहे हैं... और ये स्टेरॉयड ट्रिटमेंट यानी इस इलाज का ही असर है, जिसने उनका दिमागी संतुलन बिगाड़ दिया है... पुतिन को लेकर दुनिया की पांच देशों की खुफिया एजेंसियों यानी फाइव आइज ने जो नया खुलासा किया है, वो कुछ ऐसा ही है... कभी पुतिन के साथ जासूसी की ट्रेनिंग ले चुकी एक लेडी सीक्रेट एजेंट यानी पूर्व महिला जासूस ने भी उन्हें लेकर जो बात कही है, वो फाइव आइज के इन तथ्यों की पुष्टि करती है... इन दिनों अमेरिका में रह रही इस पूर्व महिला जासूस ने कहा है कि पुतिन वाकई में यूक्रेन पर कब्जा करने और उसे सबक सिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.
लोगों से मिलने-जुलने से बनाई दूरी
फाइव आइतज की रिपोर्ट पर यकीन करें तो खुद पुतिन की जिंदगी खतरे में है... और तजुर्बा बताता है जिसे अपनी ज़िंदगी पर मंडरा रहे खतरे का अहसास हो, कई बार ऐसे लोग बड़े ही खौफनाक और विनाशकारी फैसले लेने से भी बाज नहीं आते हैं. फाइव आइज के एक सीनियर खुफिया अधिकारी ने क्रेमलिन के सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट पर मुहर लगाई है. उन्होंने कहा है कि ये पुतिन की बीमारी और उससे पैदा हुई उनके फिजिकल और मेंटल कॉम्पलिकेशन यानी जटिलताओं का ही असर है कि पुतिन ने यूक्रेन पर हमला करने जैसा घातक फैसला कर लिया. ये अकेला मामला नहीं है, हाल के कुछ सालों में पुतिन के ओवरऑल बिहेवियर और उनकी बॉडी लैंग्वेज पर पैनी निगाह रखनेवाले जासूसों ने खुलासा किया है कि 69 साल के रूसी राष्ट्रपति पुतिन का व्यवहार तेजी से अजीबोगरीब और अप्रत्याशित होता जा रहा है. वो कभी भी कुछ भी कर सकते हैं. और उनकी बीमारी के ये साइड एफेक्ट सिर्फ उनके फैसलों पर ही नहीं दिख रहा, बल्कि उनके चेहरे और जिस्म के दूसरे हिस्सों पर भी नजर आ रहा है. हाल के कुछ दिनों में पुतिन ने लोगों से मिलने-जुलने से भी दूरी बना ली है.
करीबी भी पुतिन को समझाने में रहे नाकाम
इंग्लैंड के एक न्यूज पेपर 'डेली मेल' ने भी पुतिन की सेहत को लेकर फाइव आइज के इस रिसर्च पर एक रिपोर्ट छापी है, जिसमें बताया गया है कि पुतिन को लेकर इन पांच देशों की खुफिया एजेंसियों ने ह्यमून इंटेलिजेंस के जरिए ये चौंकानेवाली जानकारियां इकट्ठा की हैं, जिसमें पिछले पांच सालों में पुतिन के व्यवहार और उन फैसलों का ब्यौरा शामिल है, जिसमें उनके बदले हुए रवैये की झलक मिलती है. पुतिन का अपना व्यवहार तो खैर बदला ही है, उनके इर्द-गिर्द रहनेवाले लोग भी उन्हें उनके फैसलों के सही-सही अंजाम को लेकर उन्हें समझाने में नाकाम रहे हैं और यूक्रेन पर हमला करने का उनका फैसला इस बात का सबूत है.
रूसी खुफिया एजेंसी के चीफ को नजरबंद किया

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

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