UAE को प्रधानमंत्री मोदी इतनी तवज्जो क्यों देते हैं?
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पीएम मोदी अपने आठ सालों के कार्यकाल में चार बार यूएई जा चुके हैं जहां उनका जबरदस्त स्वागत किया जाता है. इस बार यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर खुद पीएम को एयरपोर्ट पर रिसीव किया. ये दोनों देशों के बीच हर क्षेत्र में बढ़ते द्विपक्षीय रिश्तों का प्रतीक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इस बार 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर गए तो यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान प्रोटोकॉल तोड़ अबू धाबी एयरपोर्ट पर खुद उनके स्वागत में खड़े दिखे. भारतीय प्रधानमंत्री की ये साल 2015 से चौथी यूएई यात्रा थी.
ये बात भी गौर करने लायक है कि नरेंद्र मोदी की साल 2015 की यूएई यात्रा से पहले के 34 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने यूएई की यात्रा नहीं की थी. साल 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यूएई की यात्रा पर गई थीं. उसके बाद अगस्त 2015 में मोदी यूएई यात्रा पर गए और तब से अब तक वो खाड़ी मुस्लिम देश की यात्रा पर चार बार जा चुके हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि पीएम नरेंद्र मोदी दूसरे प्रधानमंत्रियों की तुलना में यूएई को इतनी अहमियत क्यों दे रहे हैं?
हर क्षेत्र में मजबूत होते द्विपक्षीय संबंध
हाल के वर्षों में भारत-यूएई के द्विपक्षीय संबंध लगभग हर क्षेत्र में मजबूत हुए हैं. पीएम मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद से साल 2015, 2018, 2019 और अब 2022 में यूएई की चार बार की यात्रा कर चुके हैं.
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस भी दो बार (साल 2016 और 2017 में) भारत आ चुके हैं. दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ होते रिश्तों का बड़ा उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब साल 2019 में पीएम मोदी को यूएई ने अपना सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ जायद' से सम्मानित किया.
यूएई से तेल-गैस का व्यापार
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