
Trump Tariff: अचानक बॉन्ड मार्केट में ये क्या हुआ, US पर खत्म हो रहा विश्वास? ट्रंप की बढ़ सकती है मुश्किल
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आमतौर पर निवेशक ऐसे मौके पर खरीदारी करने के बारे में सोचते हैं या फिर ज्यादा पैसे जुटाकर सही मौके का इंतजार करते हैं, लेकिन अब वे अमेरिकी बॉन्ड (US Bond Market) को तेजी से बेच रहे हैं. निवेशकों को हाई रिटर्न का लालच भी नहीं आकर्षित कर पा रहा है.
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ वॉर (US China Tariff War) ने ग्लोबल स्तर पर निवेशकों और व्यापारियों के बीच चिंता बढ़ा दी है. भारी उतार-चढ़ाव के कारण निवेशक शेयर बाजार (US Stock Market) से लेकर बॉन्ड मार्केट (Bond Market) तक खुद को दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं. टैरिफ वॉर के बीच निवेशक अमेरिकी सरकारी बॉन्ड को बेच रहे हैं.
आमतौर पर निवेशक ऐसे मौके पर खरीदारी करने के बारे में सोचते हैं या फिर ज्यादा पैसे जुटाकर सही मौके का इंतजार करते हैं, लेकिन अब वे अमेरिकी बॉन्ड (US Bond Market) को तेजी से बेच रहे हैं. निवेशकों को हाई रिटर्न का लालच भी नहीं आकर्षित कर पा रहा है. इस घटना को देखते हुए एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह बड़े ही चिंता का विषय है. बड़े बैंक, फंड और व्यापारी अपने पैसे को स्टोर करने के लिए एक अच्छी जगह के तौर पर अमेरिका पर भरोसा खो रहे हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए हो सकती है बुरी खबर ईटी के मुताबिक, एसेट मैनेजमेंट के एक फंड मैनेजर जॉर्ज सिपोलोनी ने कहा कि डर है कि अमेरिका सुरक्षित निवेश को लेकर अपना विश्वास खो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा बॉन्ड मार्केट दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे स्थिर है, लेकिन जब अस्थिरता आती हैं तो बुरी चीजें हो सकती हैं.' उन्होंने कहा कि बॉन्ड मार्केट में सेल तेजी से बढ़ना लोन लेने वालों के लिए और डोनाल्ड ट्रंप के लिए बुरी खबर हो सकती है.
बॉन्ड मार्केट में बढ़ी सेल एक सप्ताह पहले यील्ट 10 साल की ट्रेजरी पर 4.01% था. शुक्रवार को यील्ड 4.58% तक पहुंच गया, फिर वापस 4.50% पर आ गया. यह बॉन्ड बाजार के लिए एक बड़ा बदलाव है. बॉन्ड मार्केट में इतना बड़ा उतार-चढ़ाव उसके अस्थिरता को दर्शाता है.
बॉन्ड मार्केट से देश पर क्या असर होता है? ट्रंप ने स्वीकार किया कि बुधवार को कई टैरिफ पर 90-दिन की रोक लगाने के उनके फैसले में बॉन्ड मार्केट ने भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि निवेशक 'थोड़े बेचैन हो रहे थे' इसलिए टैरिफ को 90 दिन के लिए टाल दिया गया. इसी तरह से ब्रिटेन में बॉन्ड मार्केट में 2022 के दौरान बदलाव हुआ था. जिस कारण वहां ऐसी स्थिति बनी कि लिज ट्रस को अपने कार्यकाल से पीछे हटना पडा.
बॉन्ड मार्केट में बदलाव से क्या बदल जाएगा? बॉन्ड मार्केट एक सुरक्षित निवेश वाली जगह मानी जाती है. जहां शेयर बाजार से कम जोखिम होता है. दिग्गज निवेशक और कारोबारी बड़े अमाउंट निवेश करते हैं. अगर कोई देश संकट में है तो भी बॉन्ड मार्केट सेफ निवेश हो सकता है. हालांकि यहां भी अस्थिरता आ सकती है. जब यहां अस्थिरता आती है जैसे बॉन्ड यील्ड में तेज उछाल या गिरावट, तो देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है. यही कारण है कि अमेरिकी निवेशक बॉन्ड मार्केट में हो रहे बदलाव को लेकर परेशान हैं. यहां हम सिर्फ सरकारी बॉल्ड की बात कर रहे हैं, जो कॉर्पोरेट बॉन्ड की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है.













