
Sporta Technologies in Insolvency: ड्रीम-11 की पैरेंट कंपनी हुई दिवालिया, NCLT ने याचिका की मंजूर
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स्पोर्टा पर शुरुआत से ही किराया नहीं देने का आरोप है जिसके लिए 20 अप्रैल, 2021 को रिवार्ड्स सॉल्यूशन ने स्पोर्टा को एक डिमांड नोटिस भी भेजा था. जब स्पोर्टा नोटिस का पालन करने में असफल रहा तो ये याचिका दायर की गई.
मुंबई में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 9 फरवरी को फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 की पैरेंट कंपनी स्पोर्टा टेक्नोलॉजीज के खिलाफ 7 करोड़ से ज्यादा के कर्ज के लिए दिवालिया याचिका स्वीकार कर ली. NCLT की न्यायिक सदस्य रीता कोहली और तकनीकी सदस्य मधु सिन्हा ने मदन बजरंग लाल को अंतरिम रेजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया है.
NCLT का कहना है कि स्पोर्टा टेक्नोलॉजीज के खिलाफ दायर याचिका सभी कानूनी जरुरतों को पूरा करती है और इसे नियमों के मुताबिक ही 3 साल की सीमा अवधि के भीतर दायर किया गया है. इन तथ्यों के आधार पर NCLT ने याचिका को मंजूर किया है.
किराया ना देने पर दिवालियेपन की मांग दिवालियेपन की मांग वाली याचिका रिवार्ड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के रेजोल्यूशन प्रोफेशनल पीयूष जानी ने 7,61,08,246 के ऑपरेटिंग लोन के लिए दायर की थी. रिवार्ड्स सॉल्यूशंस ने 27 दिसंबर, 2019 को 5 साल की अवधि के लिए स्पोर्टा के साथ एक लीज़ और लाइसेंस समझौता किया था. स्पोर्टा पर शुरुआत से ही किराया नहीं देने का आरोप है जिसके लिए 20 अप्रैल, 2021 को रिवार्ड्स सॉल्यूशन ने स्पोर्टा को एक डिमांड नोटिस भी भेजा था. जब स्पोर्टा नोटिस का पालन करने में असफल रहा तो ये याचिका दायर की गई.
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स्पोर्टा ने डिमांड नोटिस का जवाब देते हुए दावा किया कि उसने कोविड-19 के प्रभाव और फ्लैट के मालिकाना हक के बारे में दुविधा के चलते लाइसेंस शुल्क पर बातचीत करने का अपना मौका खो दिया. स्पोर्टा ने 27 नवंबर, 2020 को ED से लीज़ पर दिए गए परिसर के प्रोविजन कुर्की आदेश मिलने का भी दावा किया. दिवाला याचिका के जवाब में, स्पोर्टा ने ये भी दावा किया कि रिवार्ड्स सॉल्यूशन ऑपेरशनल क्रेडिटर नहीं है.
ईमेल ने साबित किया लेनदेन का विवाद हालांकि रिकॉर्ड पर लाए गए ईमेल से ट्रिब्यूनल इस नतीजे पर पहुंचा है कि कर्ज के भुगतान को लेकर विवाद था. इससे स्पोर्टा पर देनदारी निकलती है जो रिवार्ड्स सॉल्यूशंस को दिए जाने वाले भुगतान में डिफ़ॉल्ट का सबूत है. स्पोर्टा टेक्नोलॉजीज पूरी तरह से एक कॉर्पोरेट कर्जदान है और याचिकाकर्ता ने संबंधित प्रावधानों के अनुरूप पार्टियों के बीच किसी भी पूर्व-मौजूदा विवाद की अनुपस्थिति के साथ-साथ स्पोर्टा द्वारा किए गए 'ऑपरेशनल डेट' और 'डिफॉल्ट' की मौजूदगी को साबित किया है. इन टिप्पणियों के साथ, कंपनी को कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया के लिए मंजूरी दे दी गई है.













