Razaq Gujjar Murder Case: कातिल आतंकियों की तलाश में राजौरी पुलिस का तलाशी अभियान तेज
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कत्ल की ये सनसनीखेज वारदात सोमवार की रात थानामंडी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव कुंडा टॉप में उस वक्त अंजाम दी गई, जब 40 वर्षीय मोहम्मद रजाक गुज्जर एक मस्जिद से बाहर निकले थे. उनके साथ उनके भाई ताहिर चौधरी भी थे.
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में गुज्जर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मोहम्मद रजाक को बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया गया. उसकी हत्या से गुज्जर समुदाय में रोष है. रजाक की हत्या में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए जिला पुलिस ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है. अभी कातिल पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाए हैं. पुलिस शिद्दत से उनकी तलाश कर रही है.
ऐसे हुआ रजाक पर हमला कत्ल की ये सनसनीखेज वारदात सोमवार की रात थानामंडी पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव कुंडा टॉप में उस वक्त अंजाम दी गई, जब 40 वर्षीय मोहम्मद रजाक गुज्जर एक मस्जिद से बाहर निकले थे. उनके साथ उनके भाई ताहिर चौधरी भी थे. पुलिस ने बताया कि रजाक के भाई मोहम्मद ताहिर चौधरी स्टेट आर्मी में सिपाही हैं. इस हमले में रजाक की मौत हो गई, जबकि ताहिर चौधरी सुरक्षित बच गए.
पुलिस, सेना और CRPF का अभियान पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, निशाना ताहिर चौधरी हो सकते थे लेकिन गोली उनके भाई को लग गई. स्थानीय पुलिस अधिकारी ने इस कत्ल के मामले में जानकारी देते हुए पीटीआई को बताया कि घटना के तुरंत बाद पुलिस, सेना और सीआरपीएफ ने घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) शुरू किया. आतंकवादियों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों और हवाई निगरानी की मदद से इलाके में तलाशी तेज कर दी गई.
इन धाराओं में दर्ज किया गया मामला पुलिस के अनुसार, इलाके में वाहनों की गहन जांच की जा रही है और जिले में विभिन्न चौकियों पर लोगों की तलाशी भी ली जा रही है. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर में धारा 302 (हत्या), 120ए (अपराध करने की साजिश), 121बी (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना या युद्ध छेड़ने की कोशिश करना), 122 (युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार इकट्ठा करना) के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. भारत सरकार के खिलाफ), 458 (चोट, हमला, या गलत तरीके से रोकने की तैयारी के बाद रात में गुप्त घर-अतिचार या घर में तोड़-फोड़), शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धाराओं के तहत थानामंडी में केस दर्ज किया है.
19 साल पहले आतंकियों ने ही किया था रजाक के पिता का मर्डर यहां ये बताना भी ज़रूरी है कि 19 साल पहले रजाक गुज्जर के पिता मोहम्मद अकबर को भी इसी गांव में आतंकवादियों ने मौत के घाट उतार दिया था. अकबर समाज कल्याण विभाग में काम करते थे. रजाक को सरकार ने अनुकंपा के आधार पर उसी विभाग में नौकरी दी थी.
IED, वायरलेस सेट और गोलाबारूद बरामद इस बीच, सुरक्षा बलों ने पिछले हफ्ते राजौरी जिले के अजमताबाद गांव में एक आतंकवादी ठिकाने का भंडाफोड़ किया था. अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने आठ इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED), दो वायरलेस सेट और कुछ गोला-बारूद बरामद किया था. पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजौरी और पुंछ जिलों में पिछले कुछ वर्षों में सेना और नागरिकों पर आतंकवादियों ने कई हमले किए हैं.
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