MP में कल से शुरू होगा विधानसभा का मानसून सत्र, हंगामेदार होने के आसार
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दरअसल, कल से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है. इस बार सिर्फ चार दिन का मानसून सत्र रहेगा. विधानसभा सचिवालय को विधायकों से कुल 1184 प्रश्न और 236 ध्यानाकर्षण नोटिस प्राप्त हुए हैं.
भोपाल: कल यानी सोमवार से मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून शुरू होने वाला है. सत्र शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्टी ने सियासत शुरू कर दी. इससे ऐसा लगता है कि चारदिवसीय यह सत्र खूब हंगामेदार होगा. कांग्रेस ने कहा कि छोटा सत्र करके सरकार मुद्दों से बचना चाहती है. विपक्ष ने सत्र को बढ़ाने की मांग की है. उधर, सत्तासीन बीजेपी ने कहा है कि हमारी तैयारी पूरी है. विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार. बीजेपी बोली कि कांग्रेस के पास समर्थन नहीं तो सदन में हल्ला करके सुर्खियों में बने रहना चाहती है. दरअसल, कल से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होना है. इस बार सिर्फ चार दिन का मानसून सत्र रहेगा. विधानसभा सचिवालय को विधायकों से कुल 1184 प्रश्न और 236 ध्यानाकर्षण नोटिस प्राप्त हुए हैं. इसी बीच, मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सत्र के सुचारू रूप संचालन के लिए रविवार दोपहर को सर्वदलीय बैठक की, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा शामिल थे.एनडीए में सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने अग्निपथ योजना पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है. उन्होंने इस पर नए तरीके से विमर्श की बात की. इसके अलावा उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन और यूसीसी पर भी अपना पक्ष रखा है.
Foreign Guest List Invited to PM Modi Oath Ceremony: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में भाजपा एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. हालांकि, पार्टी अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को नहीं पार कर पाई है, लेकिन एनडीए गठबंधन बहुमत के आंकड़े को जरूर पार कर गया है. लिहाजा नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश की कमान संभालने जा रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे सोमवार को स्वीकार कर लिए. इन तीनों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. तीन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में अब 59 सदस्य रह गए हैं क्योंकि कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों को पहले ही दल बदल कानून के तहत अयोग्य ठहरा दिया गया था. अब 3 निर्दलीय विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद संख्या 59 हो गई है.