
श्रीनगर एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट कर्मियों पर हमला मामले में सेना ने जारी किया बयान, जांच में सहयोग का किया वादा
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26 जुलाई को श्रीनगर एयरपोर्ट पर एक सैन्यकर्मी और एयरलाइन स्टाफ के बीच कथित विवाद पर रविवार को भारतीय सेना के संज्ञान लिया है. भारतीय सेना बयान जारी कर कहा कि सेना अनुशासन और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी आरोपों को गंभीरता से लेती है. मामले की जांच में अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया जा रहा है.
भारतीय सेना ने 26 जुलाई को श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेना के एक अधिकारी और स्पाइसजेट एयरलान के कर्मचारियों के बीच हुई कथित तौर पर झड़प मामले में बयान जारी किया है.
रविवार को जारी किए बयान में भारतीय सेना (PRO (डिफेंस), श्रीनगर) ने कहा, वह उच्चतम अनुशासन और आचरण के मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी आरोपों को गंभीरता से लेती है. सेना ने इस मामले की जांच में स्थानीय अधिकारियों को पूरा सहयोग देने का वादा किया है.
स्पाइसजेट के अनुसार, ये घटना 26 जुलाई 2025 को श्रीनगर से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट SG-386 के बोर्डिंग गेट पर हुई. एक वरिष्ठ सेना अधिकारी, जिनकी पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल रितेश कुमार सिंह के रूप में हुई है, जो वर्तमान में गुलमर्ग में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल (HAWS) में तैनात हैं, ने कथित तौर पर चार स्पाइसजेट कर्मचारियों पर हमला किया. ये विवाद तब शुरू हुआ, जब अधिकारी अपने साथ 16 किलोग्राम का केबिन बैगेज लेकर आए जो कि 7 किलोग्राम की अनुमति सीमा से दोगुना था.
बोर्डिंग गेट पर हुई झड़प
एयरलाइन के प्रवक्ता ने बताया कि कर्मचारियों ने अधिकारी को विनम्रतापूर्वक अतिरिक्त बैगेज के लिए लागू शुल्क देने को कहा, लेकिन उन्होंने इसका भुगतान करने से इनकार कर दिया और बिना बोर्डिंग प्रक्रिया पूरी किए जबरन एयरोब्रिज में प्रवेश कर गए जो विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल का साफ तौर पर उल्लंघन था. इसके बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के एक अधिकारी ने उन्हें बोर्डिंग गेट पर वापस लाया. यहीं पर स्थिति और बिगड़ गई, जब सेना अधिकारी ने कथित तौर पर आक्रामक रवैया अपनाते हुए चार स्पाइसजेट कर्मचारियों पर हमला कर दिया.
हमले में कर्मचारियों को आई गंभीर चोटें

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