
'शेख हसीना को बता दें, भाषण हमें पसंद नहीं...', ढाका गए विदेश सचिव से क्या बोले बांग्लादेशी समकक्ष?
AajTak
बांग्लादेश के विदेश सचिव ने कहा है कि शेख हसीना भारत में रहकर बांग्लादेश के बारे में भाषण दे रही हैं, जो उनकी सरकार को पसंद नहीं है और इस बारे में भारत को बता दिया गया है. उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हमले की भारतीय मीडिया की कवरेज पर भी सवाल उठाए हैं.
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यक समूहों पर हमले की खबरें लगातार आ रही हैं. हाल ही में इस्कॉन से जुड़े हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी कर ली गई जिसके खिलाफ काफी विरोध-प्रदर्शन भी हुए. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की इस स्थिति पर भारतीय मीडिया की कवरेज को लेकर बांग्लादेश ने भारत के समक्ष आपत्ति जताई है.
बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जसीम उद्दीन ढाका दौरे पर गए विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि 'बांग्लादेश में जुलाई-अगस्त में हुए तख्तापलट और तख्तापलट के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित शत्रुतापूर्ण रवैये को लेकर भारत की मीडिया में चल रहे दुष्प्रचार और भ्रामक बयानों से भारत को अवगत कराया गया है.'
उन्होंने कहा कि भारत सरकार से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है. जसीम उद्दीन ने कहा कि भारत सरकार को यह भी कहा गया है कि वो शेख हसीना को बताए कि बांग्लादेश की सरकार को उनका भारत में भाषण देना पसंद नहीं है. शेख हसीना तख्तापलट के बाद भारत भाग आई थीं और तब से भारत में ही रह रही हैं.
उनके भारत में रहकर बांग्लादेश के बारे में बात करने को लेकर जसीम उद्दीन ने कहा, 'हमने भारत का ध्यान पूर्व प्रधानमंत्री की तरफ से भारत में दिए जा रहे भाषण की तरफ दिलाया है. शेख हसीना भारत में रहकर भाषण दे रही हैं जो सरकार को पसंद नहीं आ रहा है. उनकी मौजूदगी से दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हमने कहा है कि हमें वह भाषण पसंद नहीं आया जो शेख हसीना भारत में बैठकर दे रही हैं.... यह बात उन्हें (शेख हसीना) बता दी जानी चाहिए. विक्रम मिस्री ने इस मामले पर ध्यान दिया है.'
अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर भी बोले
अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोपों पर बोलते हुए बांग्लादेश के विदेश सचिव ने कहा, 'हमने इस बात पर जोर दिया है कि बांग्लादेश में रहने वाला हर इंसान अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करता रहा है. इस संबंध में किसी भी तरह के भ्रम या दुष्प्रचार की कोई गुंजाइश नहीं है.'

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







