
शादीशुदा नहीं फिर क्यों छठ पूजा करती हो? अक्षरा सिंह से हुए सवाल, तोड़ी चुप्पी
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कहा जाता है कि छठ का व्रत शादीशुदा महिलाएं ही रखती हैं, लेकिन अक्षरा सिंह दो साल से इस पूजा को खुद पूरे विधि-विधान से कर रही हैं. अक्षरा पर लोगों और परिवार द्वारा कई सवाल उठाए गए कि वो शादीशुदा नहीं हैं तो ये व्रत क्यों रखती हैं. एक्ट्रेस ने आखिरकार इसका जवाब दिया है.
भोजपुरी सिनेमा की फेमस एक्ट्रेस-सिंगर अक्षरा सिंह छठ महापर्व को बड़े ही धूमधाम से सेलिब्रेट करती हैं. वो शादीशुदा नहीं हैं लेकिन पूरी श्रद्धा से इस व्रत को करती हैं. अक्षरा ने इसकी वजह बताते हुए बचपन का एक किस्सा शेयर किया. साथ ही कहा कि लोगों ने बहुत सवाल किए कि वो ये व्रत क्यों करती हैं.
अक्षरा ने तोड़ी चुप्पी
अक्षरा सिंह दो साल से छठ पूजा कर रही हैं, वो पूरे विधि-विधान से इस व्रत को करती हैं. उनपर उठ रहे सवालों का आखिरकार उन्होंने जवाब दिया. अक्षरा ने कहा कि ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि सिर्फ बच्चे या अच्छे पति की मांग के लिए ही इस व्रत को किया जाए.
एएनआई से अक्षरा बोलीं- छठ पूजा मैं बचपन से देखते हुए, शारदा सिन्हा जी के उन गीतों को सुनते हुए बड़ी हुई हूं. लेकिन इसका असल महत्व मुझे मेरी मां से पता चला. एक बार क्या हुआ कि शारदा जी का एक गीत है- चुगला करे चुगली, बिलईया करे म्याऊं, ये गीत बज रहा था हर जगह. मैं 5 साल की थी, तब मुझे इसका मतलब नहीं पता था, और मैं हंस-हंस कर खूब ताली बजाकर इस गाने का मजाक उड़ा रही थी.
मां से पड़ी थी मार
'तब मेरी मां आईं और गुस्से से मुझे कहा कि क्या बोली... और मुझे कुछ बताया नहीं कि इसका मतलब क्या होता है क्या नहीं, बस कल्छुन एक हमारे यहां बर्तन होता है, उससे मुझे इतना मार मारा कि ऐसी कोई जगह मेरे शरीर में नहीं बची थी कि जहां लाल ना पड़ा हो. मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन उस मार ने मुझे बता दिया कि इसका महत्व क्या है, और उसे मैं तबसे अपने दिल में बांध कर चलती हूं.'

आशका गोराडिया ने 2002 में एक यंग टेलीविजन एक्टर के रूप में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा था. 16 साल बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया. इसका कारण थकान नहीं, बल्कि एक विजन था. कभी भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार किरदार निभाने वाली आशका आज 1,800 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनी की कमान संभाल रही हैं.












