
लैंडस्लाड में ताश के पत्तों की तरह ढहा चीन का होंगकी ब्रिज, कुछ महीने पहले ही हुआ था उद्घाटन- VIDEO
AajTak
चीन के सिचुआन प्रांत में कुछ महीने पहले यातायात के लिए खोला गया हांगकी पुल मंगलवार को विनाशकारी भूस्खलन की चपेट में आकर ढह गया. करीब 758 मीटर लंबे इस पुल का एक बड़ा हिस्सा नदी में समा गया.
चीन के सिचुआन प्रांत में मंगलवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब हाल ही में खोला गया हांगकी पुल (Hongqi Bridge) विनाशकारी भूस्खलन की चपेट में आकर ताश के पत्तों की तरह ढह गया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पहाड़ी का हिस्सा खिसक कर नदी में समा रहा है, आसमान में धूल का गुबार उठा है और सेकंडों में पुल के खंभे एक के बाए एक टूटते चले गए. 758 मीटर लंबे इस पुल का एक बड़ा हिस्सा नदी में समा गया.
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ. यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा था, जो चीन के मध्य भाग को तिब्बत से जोड़ता है. हादसा माएरकांग शहर के पास शुआंगजियांगकौ हाइड्रोपावर स्टेशन के निकट हुआ. वीडियो फुटेज में पहाड़ी का ढलान टूटकर नदी में समाता हुआ दिख रहा है. पहले मलबे से निकली धूल आसमान में उड़ती है, फिर जमीन पुल के नीचे से खिसक जाती है. पुल के खंभे एक-एक कर झुकते हैं और पूरा स्पैन नदी में गिरकर चूर-चूर हो जाता है.
NEW: 758-meter-long Hongqi bridge in the southwestern province of Sichuan, China collapses just months after opening. Construction on the Chinese bridge had finished earlier this year, according to Reuters. The collapse of the bridge was reportedly triggered by… pic.twitter.com/fyxMAW9JNN
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि पुल के पास पहाड़ की ढलानों और सड़कों पर दरारें दिखीं, जिससे लैंडस्लाइड होने का संकेत मिल गया था. पुल को सोमवार दोपहर ही यातायात के लिए बंद कर दिया गया था. समय रहते सतर्कता बरती गई, जिससे जानमाल का बड़ा नुकसान टल गया. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि खड़ी पहाड़ी ढलानों की पकड़ कमजोर होने के कारण भूस्खलन हुआ. बारिश और भूकंपीय गतिविधियों ने मिट्टी को ढीला कर दिया था. सिचुआन रोड एंड ब्रिज ग्रुप द्वारा निर्मित यह पुल इसी साल पूरा हुआ था और हाल ही में यातायात के लिए खोला गया था.
नदी में लैंडस्लाइड और पुल का मलबा फैल गया है, जिससे जल प्रवाह प्रभावित हो सकता है. अधिकारियों ने आसपास के इलाकों में अलर्ट जारी किया है और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की है. विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र में तेजी से हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के बीच जियोलॉजिकल जोखिमों का आकलन जरूरी है. सिचुआन में पहले भी भूस्खलन से पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. होंगकी पुल की लागत करीब 1.2 अरब युआन बताई जा रही है.

अब लगभग चार घंटे बाकी हैं जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर पहुंचेंगे. उनका विमान शाम 6 बजकर 35 मिनट पर दिल्ली एयरपोर्ट पर आएगा. करीब चार साल बाद पुतिन भारत आ रहे हैं, जो 2021 में भारत आने के बाद पहली बार है. इस बीच पुतिन के भारत दौरे से पहले MEA ने दोनों देशों के संबंध का वीडियो जारी किया है.

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के गुरुवार को भारत दौरे को लेकर हलचल तेज हो चुकी है. इस बीच आजतक ने रूस में ही राष्ट्रपति पुतिन का एक्स्क्लूसिव इंटरव्यू लिया. इस दौरान उनसे अगस्त-सितंबर में चीन के तियानजिन में हुए 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान उस वायरल तस्वीर के बारे में पूछा गया, जिसमें उन्होंने वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ कार में जाते हुए नजर आए थे. क्या था वो पूरा वाकया, जानने के लिए देखें वीडियो.

बांग्लादेश की आर्मी से रिटायर होने के बाद ब्रिगेडियर जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी का मुख्य काम भारत विरोध बन गया है. इस जनरल का मानना है कि भारत बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देता है. पाकिस्तान की 'ब्लीड इंडिया विद थाउजैंड कट्स' जैसी दूषित नीति से प्रभावित ये जनरल कहता है कि बांग्लादेश में तब तक शांति नहीं आ सकती, जबतक भारत के टुकड़े-टुकड़े न हो जाए.

पुतिन ने यूरोप पर अपनी नजर रखी है क्योंकि उन्हें डर है कि यूरोप शांति वार्ता को बिगाड़ सकता है. यूरोप लगातार रूस के खिलाफ युद्ध में उतरने के संकेत दे रहा है, जिस पर पुतिन ने कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप युद्ध में शामिल हुआ तो उसे रूस से ऐसी हार का सामना करना पड़ेगा जिससे यूरोप में शांति की बात करने वाला कोई बच नहीं पाएगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा ऐतिहासिक महत्व रखता है. यह दौरा भारत और रूस के रिश्तों की मजबूती का प्रतीक है जो दशकों पुराना है. यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद दोनों देशों का रिश्ता अडिग रहा है. पुतिन का यह दौरा द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करेगा जिसमें रक्षा, कृषि, पेट्रोलियम और तकनीकी क्षेत्रों में समझौते शामिल होंगे.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्पेशल विमान IL-96-3000 प्यू अब से कुछ ही घंटों में भारत की सरज़मीं पर लैंड करेगा. यह विमान 'हवा में उड़ता किला' है. पुतिन के भारत दौरे से पहले रूस ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण मिलिट्री सहयोग समझौते को मंजूरी दी है. इस कदम से क्षेत्रीय सुरक्षा में मजबूती आएगी और यह सहयोग दुश्मनों के लिए बड़ा झटका साबित होगा.







