
'महात्मा गांधी के उदाहरण, PM मोदी की तारीफ...,' जी20 के सफल आयोजन पर संयुक्त राष्ट्र ने भारत को सराहा
AajTak
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार कहा कि कि किसी को गांधी के उदाहरण को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने यह बात एक सवाल के जवाब में कही. उन्होंने कहा कि जी20 समिट में मैं भारत से गया था और गांधी को श्रद्धांजलि देने गया था. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों को पूरी तरह से पहचानना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि हिंसा से फिलिस्तीनी अपने हितों की बेहतर रक्षा कर पाएंगे.
भारत में जी 20 के सफल आयोजन की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने भारत की तारीफ में महात्मा गांधी को याद किया और पीएम मोदी के प्रयासों को भी सराहा. गुटारेस ने कहा, किसी को गांधी के उदाहरण को नहीं भूलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं जी 20 समिट में भारत गया था और वहां गांधी जी को श्रद्धांजलि देने भी पहुंचा था.
गुटारेस ने आगे 20 के सफल आयोजन पर भारत और पीएम मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा, मैं कहना चाहता हूं और मेरा मानना है कि मुझे भारत की अध्यक्षता की सराहना करनी चाहिए. भारत की प्रेसीडेंसी ने दक्षिण की आवाज को एक मंच दिया है. भारत ने विकास के एजेंडे को चर्चा के केंद्र में रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. उन्होंने कहा, बेशक, निष्कर्ष वही है जो रहा. वे इस पर निर्भर करते हैं कि देश क्या स्वीकार करने के लिए तैयार है. मुझे लगता है कि भारत के प्रयास को रेखांकित करने की जरूरत है.
पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर क्या बोले गुटेरेस?
एक पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल किया कि क्या गुटेरेस ने दिल्ली यात्रा के दौरान भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित हिंसा का मुद्दा उठाया? इस पर गुटेरेस ने कहा, शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई. लेकिन हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है. धार्मिक असहिष्णुता मानवाधिकारों का उल्लंघन है जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
'हमें गांधी के उदाहरण नहीं भूलना चाहिए'
गुटेरेस ने जी 20 समिट के घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा, सामान्य तथ्य यह है कि आम सहमति होने का मतलब है कि एक समझौता है और समझौता वर्तमान समय में आवश्यक है. गुटारेस ने फलस्तीन को लेकर किए गए एक सवाल के जवाब में कहा, जी20 के दौरान मैं भारत में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए भी गया था. हमें गांधी का उदाहरण नहीं भूलना चाहिए.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







