
भूकंप में किस तरह के मकान एक झटके में गिर जाते हैं, कितने खर्च में बन सकता है भूकंपरोधी घर?
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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक दुनिया में 2 अरब से भी ज्यादा लोग ऐसी जगहों पर रहते हैं, जहां भूकंप का खतरा बहुत ज्यादा है. मोरक्को में आए भूकंप में ताश के पत्तों की तरह घर ढह गए. करीब 3 हजार मौतें इसी वजह से हुईं. इधर सरकारें बार-बार टिकाऊ मकान बनवाने की बात करती हैं. तो क्या भूकंपरोधी मकान बनाना इतना महंगा है कि लोग इससे बचते हैं?
इस साल की शुरुआत में तुर्की और सीरिया में भयावह भूकंप आया. अब मोरक्को में तबाही मची हुई है. इस बीच एक डेटा जारी हुआ जो कहता है कि अगस्त महीने में पहाड़ी राज्य हिमाचल में जून से लेकर अगस्त तक 15 बार धरती डोल चुकी. तीव्रता भले ही कम थी, लेकिन लोगों को डराकर घर से बाहर निकालने के लिए काफी रही. भूकंप में जानें मकानों के ढहने और मलबे में लोगों के फंसने से जाती हैं.
धरती का डोलना तो हम रोक नहीं सकते, लेकिन भूकंपरोधी मकान जरूर बना सकते हैं. इलाज सामने हैं, सस्ता भी है, लेकिन दवा की पुड़िया खाने को कोई राजी नहीं.
क्यों गिरते हैं भूकंप में मकान
- कमजोर नींव इसकी एक वजह है. जिन घरों की फाउंडेशन कच्ची है, वो धरती के थोड़ा भी डोलने पर गिर सकते हैं.
- नर्म या भुरभुरी मिट्टी धरती के भीतर हलचल से प्रेशर में आ जाती है, और रेत की तरह हो जाती है. तब वे इमारत का वजन नहीं उठा पातीं.
- इमारत का खराब स्ट्रक्चर भी तबाही ला सकता है. जब चौड़ाई कम हो, ऊंचाई बहुत ज्यादा हो और दीवारें पतली हों, तब थोड़ा भी झटका मकान में बड़ी दरारें ला सकता है.

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