
'भारत से माफी मांगो', मुइज्जू पर भड़के मालदीव के नेता, कर दी ऐसी मांग
AajTak
मालदीव के विपक्षी नेता कासिम इब्राहिम राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पर हमलावर हैं. उन्होंने मुइज्जू से मांग की है कि वो भारत से माफी मांगे. उनका कहना है कि पड़ोसी देशों को लेकर ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए जिससे द्विपक्षीय रिश्ते प्रभावित हों.
चीन समर्थक मोहम्मद मुइज्जू की सरकार के खिलाफ मालदीव का विपक्ष लगातार हमलावर होता जा रहा है. अब मालदीव जम्हूरी पार्टी (JP) के नेता कासिम इब्राहिम ने मांग की है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों से माफी मांगें.
मालदीव के एक डिजिटल समाचार आउटलेट वॉयस ऑफ मालदीव की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी नेता इब्राहिम ने कहा कि मुइज्जू को पड़ोसी भारत के साथ रिश्ते खराब नहीं करने चाहिए.
उन्होंने कहा, 'किसी भी देश के संबंध में, खासकर जब वो पड़ोसी हो, हमें ऐसी कोई बात नहीं करनी चाहिए जो रिश्तों को प्रभावित करे. देश के प्रति हमारे कुछ कर्तव्य हैं, जिस पर विचार किया जाना चाहिए. राष्ट्रपति सोलिह (पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह) ने इस पर विचार किया था और इंडिया आउट कैंपेन पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक राष्ट्रपति आदेश जारी किया था. अब यामीन (मुइज्जू के गुरु पू्र्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन), जिन्होंने इंडिया आउट कैंपेन में मुइज्जू का साथ दिया था, वो सवाल कर रहे हैं कि मुइज्जू ने सोलिह के राष्ट्रपति रहते हुए दिए गए फैसले को रद्द क्यों नहीं किया.'
उन्होंने कहा आगे, 'इंडिया आउट कैंपेन पर प्रतिबंध लगाने वाले डिक्री को रद्द नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे केवल देश को नुकसान होगा. ऐसा नहीं किया जा सकता है. मैं मुइज्जू से कहूंगा कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही, मैं राष्ट्रपति मुइज्जू से भी आग्रह करता हूं कि चीन यात्रा के बाद अपनी टिप्पणियों को लेकर वो भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से औपचारिक रूप से माफी मांग लें.'
पिछले साल की शुरुआत में, मालदीव के तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने एक डिक्री पर हस्ताक्षर किया था जिसमें कहा गया था कि विपक्ष यानी मुइज्जू और उनकी पार्टी का 'इंडिया आउट' अभियान 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' है. डिक्री सुरक्षा एजेंसियों को कैंपेन के बैनर हटाने और विपक्षी दलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संवैधानिक अधिकार देता है.
'इंडिया आउट के एजेंडे पर सत्ता में आए मुइज्जू'

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







