भारत से ताइवान जाएंगे 1 लाख मजदूर? US की रिपोर्ट पर हंगामे के बाद आई सफाई
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सू मिंग-चून ने जोर देकर कहा कि ताइवान द्वारा 1 लाख भारतीय श्रमिकों के लिए अपने दरवाजे खोलने की मांग के संबंध में किया गया कोई भी दावा फर्जी है. उन्होंने कहा कि ये दावे चुनावी लाभ के लिए लोगों की राय में हेरफेर करने के लिए गलत इरादे वाले लोगों द्वारा किए गए हैं.
ताइवान के श्रम मंत्री सू मिंग-चून की ओर से अमेरिका की उस रिपोर्ट पर बयान आया है, जिसमें ये दावा किया गया था कि भारत से ताइवन के लिए 1 लाख मजदूर जाएंगे. इस मामले में सू मिंग-चून ने कहा कि हमारी सरकार की भारत से 1 लाख प्रवासी मजदूरों को ताइवान लाने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा रोजगार सहयोग के संबंध का विषय है. सू मिंग-चून ने यहां तक कहा कि ताइवान ने प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए भारत के साथ कोई समझौता ज्ञापन (MOU) साइन नहीं किया है.
सू मिंग-चून ने जोर देकर कहा कि ताइवान द्वारा 1 लाख भारतीय श्रमिकों के लिए अपने दरवाजे खोलने की मांग के संबंध में किया गया कोई भी दावा फर्जी है. उन्होंने कहा कि ये दावे चुनावी लाभ के लिए लोगों की राय में हेरफेर करने के लिए गलत इरादे वाले लोगों द्वारा किए गए हैं. सू मिंग की ये टिप्पणी कुओमितांग (KMT) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होउ यू-इह द्वारा दिए गए बयान के संदर्भ में आई है.
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक सीएनए की रिपोर्ट के अनुसार सू मिंग-चून का बयान KMT की ओर से नामांकित होउ द्वारा एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देने के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया था कि भारतीय प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए एक MOU पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं.
इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एम्प्लॉई मोबिलिटी एग्रीमेंट की योजना बनाई जा रही थी. ताइवान की केंद्रीय समाचार एजेंसी (CNA) ने कहा कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के जरिए दावा किया था कि ताइवान में 1 लाख से ज्यादा भारतीय प्रवासी श्रमिकों को लाने के समझौते पर इस साल दिसंबर की शुरुआत में हस्ताक्षर किए जा सकते हैं.
सीएनए की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को होउ के ऑफिस ने कहा कि एचएसयू ने नवंबर में कहा था कि ताइवान और भारत प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए साल के अंत तक एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं. यह देखते हुए कि 2023 के अंत से पहले केवल 8 दिन बचे हैं. एचएसयू को स्पष्ट करना चाहिए कि एमओयू पर कब हस्ताक्षर किए जाएंगे और समझौते के अनुसार कितने भारतीय कर्मचारी ताइवान आएंगे. 13 नवंबर को स्थानीय मीडिया से बात करते हुए ह्सू मिंग-चुन ने कहा था कि कैबिनेट द्वारा इस योजना पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए ताइवान और भारत को इस साल के अंत तक एक MOU साइन करने की उम्मीद है.
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