
भारत ने किया चावल बैन, अमेरिका में दुकानदारों ने कहा नहीं मिलेगा एक पैकेट से ज्यादा
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चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध के असर को कई एनआरआई ने ट्विटर के जरिए दिखाने की कोशिश की. अमेरिका में भारत से एक्सपोर्ट होने वाले चावल की बड़ी खपत है और भारत के Rice Ban के फैसले के चलते वहां इस तरह के हालात पैदा हो गए हैं.
भारत सरकार ने पिछले दिनों गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन (India Ban Rice Export) लगा दिया था. इसके बाद से अमेरिका (US) के डिपार्टमेंटल स्टोर्स पर चावल खरीदने के लिए भगदड़ मच गई. चावल खरीदने के लिए इस कदर भीड़ उमड़ी की स्टोर्स ने ग्राहकों द्वारा खरीदे जा रहे चावल के बैग की संख्या पर लिमिट लगा दिया. कई स्टोर्स पर स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए 'प्रति परिवार केवल एक चावल बैग' का नोटिस लगा दिया है. लेकिन चावल की जमाखोरी को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं.
जमाखोरी की आशंका बढ़ी
इस बात की आशंका बढ़ गई है कि लोग चावल को स्टोर कर बाद में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए काफी अधिक कीमतों पर बेचने का प्रयास कर सकते हैं. भारत के गैर-बासमती चावल के निर्यात प्रतिबंध लगाने से ग्लोबल लेवल पर विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों पर असर पड़ा है. कई एनआरआई ने कथित तौर पर सोना मसूरी चावल के 10-15 बैग खरीदे हैं.
हड़बड़ी में खरीदारी कर रहे लोग
भारत द्वारा चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध के असर को कई एनआरआई ने ट्विटर के जरिए दिखाने की कोशिश की. उन्होंने किराने की दुकानों पर लगी भीड़ और हड़बड़ी में खरीदारी करते लोगों के वीडियो शेयर किए. हालांकि, प्रमुख चावल निर्यातक डेक्कन ग्रेन्स इंडिया के निदेशक किरण कुमार पोला ने कहा कि अमेरिका में एनआरआई को चावल की उपलब्धता के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अमेरिका में पर्याप्त स्टॉक हैं और यह छह महीने तक चलेगा.
दोगुनी कीमतों पर बिक रहा चावल













