
प्राइवेटाइजेशन से पहले BPCL का बड़ा दांव, इस कंपनी को अपने में मिलाया
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भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) ने अपनी सहायक रिफाइनरी भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड (BORL) को अपने में मिलाने का ऐलान किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मर्जर से दोनों कंपनियों को फायदा मिलेगा.
ग्लोबल मार्केट (Global Market) में कच्चे तेल की कीमतों (Crude Oil Price) में आई उछाल के बीच भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) ने बड़ा कदम उठाया है. भारत पेट्रोलियम ने अपनी सहायक रिफाइनरी भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड (BORL) को अपने में मिलाने का ऐलान किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस मर्जर से दोनों कंपनियों को पारस्परिक रूप से फायदा मिलेगा. बीपीसीएल और उसके समूह की कंपनियों की तेल और गैस उद्योग की अपस्ट्रीम, रिफाइनिंग और डाउनस्ट्रीम चेन में मजबूत उपस्थिति है.
कच्चे तेल की खरीद में फायदा
भारत ओमान रिफाइनरीज पाइपलाइनों के नेटवर्क के माध्यम से उत्तरी और मध्य भारत में प्रोडक्ट सेफ्टी और रसद पहुंचाती है. इसलिए भारत ओमान रिफाइनरी का बीपीसीएल के लिए सामरिक महत्व है. बीपीसीएल भीतरी इलाकों में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग को पूरा करने के प्रयासों में जुटी है. बीपीसीएल का कहना है कि इस मर्जर से उसे रिफाइनरियों के लिए कच्चे तेल की खरीद में फायदा होगा.
78 लाख टन की क्षमता
भारत ओमान रिफाइनरीज फिलहाल पूरी तरह से बीपीसीएल की सब्सिडियरी है. ये मध्य प्रदेश के बीना में एक रिफाइनरी को ऑपरेट करती है. इस रिफाइनरी की क्षमता सालाना 78 लाख टन है. बीपीसीएल ने इसमें ओमान ऑयल (Oman Oil) की हिस्सेदारी खरीद ली थी. बीपीसीएल की मुंबई में 1.2 करोड़ टन और केरल के कोच्चि में 1.55 करोड़ टन की क्षमता की रिफाइनरीज हैं.
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